जयपुर के रामगंज में बुजुर्ग महिला को उसकी बहू और समधन ने जिंदा जला डाला। कमरे में सोती हुई सास का कूलर बंद किया और जलती हुई तीली कपड़े पर फेंक दी। सास को जलाने के बाद बहू अपनी मां के साथ फरार हो गई। बेटा भी फरार है। बुजुर्ग महिला की उसकी बेटी देखभाल कर रही है। पिछले 17 दिन से महिला अस्पताल में भर्ती है। वह 60 प्रतिशत तक जल गई है। उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। बेटी ने भाभी केतिका और उसकी मां के खिलाफ रामगंज थाने में बुधवार देर रात शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने गुरुवार को रिपोर्ट दर्ज की है।
बहू-बेटा अलग रहते हैं, बेटी करती है देखभाल
रामगंज थाने में बुजुर्ग महिला चंद्रकांता (62) की बेटी हेमा ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि मां और पिता अक्सर बीमार रहते हैं। घरेलू कलह के बाद भाभी केतिका और भाई सामने के मकान में रहने लगे थे। 12 जुलाई को मां चंद्रकांता घर पर ही थी। भाई व भाभी सामने वाले घर में थे। भाई ने मां को घर पर बुला लिया। भाई के जाने के बाद मां कमरे में जाकर सो गई। इस दौरान केतिका ने कमरे में चल रहा कूलर बंद कर दिया। माचिस जलाकर तीली चंद्रकांता के कपड़ों में डाल दिया। इस दौरान समधन (बहू की मां) कला देवी भी मौजूद थी।
मां की चीख सुनकर दौड़ी बेटी
हेमा ने बताया कि वह मां के लिए चाय बनाने के लिए रसोई में आई हुई थी। कमरे में धीरे-धीरे आग सुलगने लग गई। आग की लपटों से मां घिर चुकी थी। मां की चीख सुनकर वह दौड़ कर कमरे में पहुंची। पड़ोस के लोग भी आ पहुंचे। आग को बुझाकर मां को बचाया। मां को वे पहले तो एसएमएस अस्पताल लेकर गए। वहां से उन्होंने मालवीय नगर में निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उन्होंने बताया कि मां के पैरों के निचला हिस्सा काफी जल चुका है। शुगर होने के कारण घाव नहीं भर रहे हैं।
शादी के बाद से शुरू हुआ विवाद
हेमा ने बताया कि 2019 में भाई की शादी अंबाला निवासी केतिका से हुई थी। शादी के बाद से ही घर में कलह बढ़ गया। रोजाना झगड़ा होने लग गया। तब बहू ने सास-ससुर व पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का भी मामला दर्ज करा दिया। कोर्ट तक घरेलू विवाद का मामला पहुंच गया। 2021 में दोनों परिवारों ने समझौता कर लिया। चंद्रकांता के दो मकान हैं। एक मकान को उन्होंने भाई-भाभी को दे दिया, जिसमें वे रहने लग गए। भाभी के साथ उनकी मां भी अक्सर घर पर आने लगी थी। दूसरे मकान में मां और पिता रहने लगे थे। मां और पिता को खाना, चाय-नाश्ता व मदद के लिए हेमा आती थी।