बिहार मॉनसून सत्र के चौथे दिन भी विधानसभा की कार्यवाही काफी हंगामेदार रही। विपक्षी सदस्यों ने आज महंगाई और बेरोजगारी के मु्द्दे पर जमकर हंगामा किया। कोरोना से हुई मौतों को छिपाने पर भी जमकर नारेबाजी हुई। इस बीच माले विधायक वेल में चले गए। हंगामे के बीच ही राजद के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेन्द्र आसन को भ्रष्ट कहे जाने पर घिर गए। विधानसभा स्पीकर की कड़ी नाराजगी व्यक्त करने के बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी।
महंगाई, बेरोजगारी और कोरोना मौतों की संख्या छुपाने के आरोप को लेकर नारेबाजी करते हुए माले विधायक वेल में चले गए। करीब 16 मिनट बाद संसदीय कार्यमंत्री और आसन के आग्रह पर वे वेल से अपनी सीट पर वापस लौटे। इस बीच सदन में तब गतिरोध की स्थिति बनती दिखी जब आसन को बेईमान कहे जाने पर भाई वीरेन्द्र को सत्ता पक्ष ने घेर लिया। मंत्री प्रमोद ने इस कड़ी आपत्ति की। स्पीकर विजय कुमार सिन्हा की नाराजगी भी दिखी। वह भाई वीरेन्द्र के माफी मांगने पर अड़ गए। इसके बाद भाई वीरेन्द्र ने माफी मांग ली। संसदीय कार्य मंत्री ने उन्हें माफ करने का आग्रह किया तब जाकर स्पीकर का गुस्सा शांत हुआ। उन्होंने कहा कि दंभी लोग माफी के काबिल नहीं होते हैं। उन्होंने सदन के वरिष्ठ सदस्यों को चेताते हुए कहा कि याद रखिए नए लोग आपसे प्रेरणा लेते हैं।
पिछले तीन दिन भी ऐसे ही बीते
इसके पहले मॉनसून सत्र के पिछले तीन दिन भी पक्ष-विपक्ष के बीच गतिरोध बना रहा। बजट सत्र के दौरान विधायकों से हुई मारपीट के मसले पर कार्रवाई की मांग को लेकर विपक्ष पहले दिन से हमलावर है। राजद के सदस्य लगातार हेलमेट लगाकर सदन में पहुंच रहे हैं। उनका कहना है कि 23 मार्च की घटना के बाद उन्हें डर लगता है। कब कौन उन पर हमला कर दे कुछ पता नहीं है। कल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सदन में इस मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाया था। उन्होंने मामले में दोषी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। गौरतलब है कि इस मामले में जांच के बाद दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं है। उधर, सत्ता पक्ष के विधायक इस मामले में 23 मार्च सदन के अंदर मर्यादा भूलने वाले विपक्षी विधायकों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।