बिहार के भागलपुर में सावन के पहले सोमवार को बड़ा हादसा हो गया। सुल्तानगंज के जहाज घाट पर गंगा स्नान करते समय तीन दोस्त अचानक नदी में डूब गए। इनमें से दो के शव मिल गए हैं जबकि एक की तलाश अब भी जारी है। गंगा में डूबे लड़कों की पहचान साहेबगंज निवासी विजय मंडल के पुत्र सौरभ कुमार (18), कैलाश चौधरी के छोटे पुत्र मुकेश कुमार (15) और वीरेन्द्र साह के पुत्र राहुल कुमार (16) के रूप में हुई है। इनमें से सौरभ और राहुल कुमार के शव मिल गए हैं। जबकि मुकेश की तलाश जारी है। तीनों दोस्त नाथ नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले थे।
मिली जानकारी के अनुसार सौरभ, मुकेश और राहुल सावन के पहले सोमवार पर गंगा स्नान और जल भरने के लिए सुल्तानगंज पहुंचे थे। तीनों घर पर बताकर आए थे कि कि स्नान के बाद गंगा जल भरकर वे मनोकामना मंदिर में पूजा करने जाएंगे। वे रात में ही सुल्तानगंज पहुंच गए थे। रात करीब दो बजे के आसपास तीनों गंगा स्नान के लिए गंगा नदी में उतरे थे। नहाने के दौरान ही वे तेज बहाव के कारण बडे़ गड्ढे में चले गए।
तीनों दोस्तों का एक साथी जब नदी में डूबने लगा तो अन्य दो ने उसे बचाने की कोशिश की। लेकिन इस कोशिश के दौरान दूसरा और फिर तीसरा दोस्त भी नदी में डूब गए। घटना की जानकारी मिलते ही नाथ नगर में उनके घरों पर कोहराम मच गया। तीनों के परिवारीजन रोते-बिलखते मौके पर पहुंच गए हैं। सूचना पर एसडीआरएफ और सुल्तानगंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंची है।
रोक के बाद कैसे पहुंचे तीनों?
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस वक्त बिहार में धर्मस्थलों के आम जनता के लिए खुलने पर रोक लगी है। सावन के पहले सोमवार पर भी राज्य के मंदिरों के पट बंद हैं। श्रावणी मेला और गंगाजल भरने पर भी जिला प्रशासन ने रोक लगा रखी है। इसके बाद वहां लोग पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं को गंगा स्नान करने से रोकने के लिए घाट पर पुलिस की तैनाती तक नहीं की गई है। न ही खतरनाक घाटों को चिन्हित कर वहां चेतावनी का कोई बोर्ड या बैनर ही लगाया गया। जबकि हर साल सीढ़ी घाट, जहाज घाट समेत अन्य खतरनाक घाटों को नगर परिषद द्वारा चिह्नित कर उनकी बैरिकेडिंग की जाती थी। इस साल रोक के बावजूद ऐसा कुछ भी नहीं किया गया।