जमीन के लिए लड़ने वालों के लिए अलीगढ़ के कस्बा अकराबाद के नानऊ गांव के लोगों ने मिसाल पेश की है। अलीगढ़-कानपुर नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण में बाधा बन रही 100 साल पुरानी ईदगाह को हटाने के लिए बिना किसी कानूनी पचड़े व विवाद के हटाने पर सहमित बना दी। अब ईदगाह गांव में ही ग्रामसभा की जमीन पर बनाई जाएगी। पूर्व में भी इसी हाईवे निर्माण के लिए गांव पनैठी के लोगों ने इसी तरह से मस्जिद हटाए जाने पर सहमित दी थी।
नेशनल हाईवे-91 के अंतर्गत अलीगढ़-कानपुर सेक्शन का चौड़ीकरण किया जा रहा है। इस हाईवे को फोरलेन व सिक्सलेन करने के लिए कार्रवाई जारी है। जनपद में गांव बौनेर से गोपी तक करीब 15 गांवों की 53 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। इसके एवज में अब तक करीब डेढ़ अरब का मुआवजा वितरित किया जा चुका है। हाईवे के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित हो रही जमीन में अकराबाद के ग्राम नानऊ करीब 100 साल पुरानी ईदगाह भी जद में आई। एनएच व भूमि अध्यापित विभाग के अधिकारियों ने धार्मिक स्थल होने के चलते स्थानीय लोगों से संपर्क साधा। इस पर गांव के पूर्व प्रधान नजीर व अजमेरी खां सहित 17 लोगों ने प्रशासन को गाटा संख्या-840 में स्थित ईदगाह को स्वयं ही स्थानान्तरण करने के लिए प्रार्थना पत्र सौंपा। जिसके बाद चौड़ीकरण के कार्य को आगे बढ़ाते हुए ईदगाह को शिफ्ट करने का कार्य प्रशासन द्वारा शुरू कर दिया गया है।
ईदगाह के लिए जमीन का नहीं हुआ अभी निर्धारण :
नई ईदगाह बनाए जाने के लिए गांव में अभी तक जमीन का निर्धारण नहीं हो सका है। कोरोना काल के बाद बीते दिनों तहसील दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें गांव के लोगों ने डीएम चंद्रभूषण सिंह के सामने ईदगाह के लिए जमीन दिए जाने को पत्र सौंपा। चंद्रभूषण सिंह, डीएम ने बताया कि अलीगढ़-कानपुर के चौड़ीकरण के लिए ग्राम नानऊ में ईदगाह शिफ्ट कराए जाने के संबंध में गांव के लोगों ने प्रार्थना पत्र दिया था। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। -नजीर, पूर्व प्रधान, नानऊ कहते हैं कि अलीगढ़-कानपुर हाईवे के चौड़ीकरण में गाटा संख्या-840 में ईदगाह थी। जिसे दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। अब ग्राम सभा की जमीन पर नई ईदगाह का निर्माण कराया जाएगा।