कहते हैं कि अपनी समस्या बताने से उसका समाधान हो ही जाता है लेकिन बच्चों के मामले में यह बात फिट नहीं बैठती क्योंकि बच्चे अपनी परेशानी आसानी से नहीं बता पाते। वहीं कुछ समस्या होने पर बच्चे अक्सर रोते रहते हैं। आपका बच्चा भी अगर हमेशा रोता रहता है, तो ये पांच कारण हो सकते हैं-
भूख
बच्चों के रोने का सबसे प्रमुख कारण भूख लगना ही होता है। अगर आप बच्चें के भूख लगने के संकेतों को समझ जाएं, तो उसके रोना शुरू करने से पहले ही दूध पिला सकती हैं। अधिकतर समय बच्चेझ भूख की वजह से ही रोते हैं और दूध पीने पर चुप हो जाते हैं।
थकान
बच्चे काम नहीं करते फिर भी उन्हें थकान हो जाती है। खेलना, हाथ-पैर चलाते रहना या फिर पर्याप्त नींद न मिलने के कारण बच्चों को थकान हो जाती है।
गैस
पेट से जुड़ी परेशानियों जैसे कि गैस या कोलिक की वजह से भी बच्चे रोते हैं। कोलिक बेबी दिन में कम से कम तीन घंटे और सप्ताभह में कम से कम तीन दिन रोते हैं।
नींद की कमी
छह महीने के होने के बाद शिशु अपने आप ही सोना सीख जाते है लेकिन कभी-कभी बच्चेा अपनी मां या पिता के बिना नहीं सोते हैं। स्लीप शेड्यूल बनने के बाद भी बच्चे को आपके बिना नींद आने में दिक्कत हो सकती है।
डकार लेने के लिए
यदि बच्चा दूध पीने या खाना खाने के बाद रो रहा है तो इसका मतलब हो सकता है कि बच्चे को डकार लेनी है। कई बार डकार न आने पर शिशु को असहज महसूस होता है और वो रोने लगता है।