देश के विभिन्न राज्यों में 15 साल पुराने चार करोड़ से अधिक वाहन सड़कों पर धुंआ उगल रहे हैं। इससे वायु प्रदूषण होने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है। केंद्र सरकार वैकल्पिक कबाड़ नीति लागू कर ऐसे वाहनों को सड़कों से हटाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस कड़ी में केंद्र ने राज्य सरकार व उपक्रमों के सरकारी पुराने वाहनों को हटाने की मियाद अप्रैल 2022 कर दी है।
अगले महीने हटेंगे वाहन
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 15 साल पुराने वाहनों की कुल संख्या 4,23,71,311 है। इनमें से सर्वाधिक कर्नाटक (73,02,167 वाहन) व दूसरे नंबर पर यूपी (59,68,219 वाहन) में दौड़ रहे हैं। इसमें तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, लक्ष्यद्वीप के वाहनों की संख्या शामिल नहीं है अन्यथा पुराने वाहनों का आंकड़ा और अधिक हो जाएगा। उक्त राज्यों ने मंत्रालय के वाहन पोर्टल-4 पर पंजीकृत वाहनों को अपलोड नहीं किया है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 18 मार्च को वैकल्पिक कबाड़ नीति संबंधी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। हितधारकों से सुझाव-आपत्ति के बाद इसे आगामी माह में लागू कर दिया जाएगा। नए कानून लागू होने पर 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहन व 20 साल पुराने निजी वाहनों को कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा।
सरकार ने पुराने वाहनों के प्रति हतोत्साहित करने और नए वाहनों को खरीदने के लिए आकर्षित करने के नियमों में कई बदलाव किए हैं। 15 साल पुराने वाहनों को चलाने के लिए फिटनेस सेंटर में फिटनेस प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है। यदि सेंटर ने वाहन को फिटनेस टेस्ट में फेल कर दिया तो वाहन सड़क पर नहीं चलाया जा सकेगा। इसके साथ ही सरकार ने पुराने वाहनों के पंजीकरण का नवीनीकरण, फिटनेस प्रमाण पत्र आदि की फीस में आठ गुना से अधिक की बढ़ोत्तरी कर दी है। जबकि पुराना वाहन कबाड़ में बेचकर नया वाहन खरीदने पर 30 फीसदी तक छूट का प्रावधान किया है। सरकार का मकसद बढ़ते प्रदूषण पर रोकथाम, पर्यावरण को बचाने, उपभोक्ताओं को अधिक माइलेज वाली आधुनिक कारों के प्रति आकर्षित करना है।
कबाड़ में बेचने की तैयारी
सरकार ने केंद्र, राज्य सरकार व नगर निगम के 15 साल पुराने वाहनों (कार, जीप, ट्रक, रोडवेज बस आदि) को कबाड़ में बेचने की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें ऐसे पुराने वाहनों का एक अप्रैल 2022 से देश में कहीं भी पंजीकरण नहीं कराया जा सकेगा।