विवादित दक्षिणी चीन सागर में चीन और अमेरिका के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है। इसी बीच चीन ने दावा किया है कि उसकी सेना ने सागर के एक विवादित क्षेत्र से अमेरिकी युद्धपोत का पीछा किया और उसे खदेड़ दिया है। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी प्रशासन ने चीन को चेतावनी दी है कि क्षेत्र में फिलिपीन पर हमला हुआ तो रक्षा संधि के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
दरअसल, एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी युद्धपोत का पीछा करने का दावा चीन की सेना ने किया है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने कहा कि उसने युद्धपोत बेनफोल्ड को पेरासेल द्वीप समूह के आसपास की जगह से वापस भेजा है। सेना ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा कि चीनी बलों ने उन्हें चेतावनी दी और वहां से भगा दिया है।
पीएलए ने यह भी कहा कि द्वीप चीन का निहित क्षेत्र है, अमेरिकी सेना की कार्रवाइयों ने चीन की संप्रभुता और सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन किया है। इस बयान के बाद अमेरिकी नौसेना के 7वें फ्लीट पब्लिक अफेयर्स कार्यालय ने अपने बयान में चीनी बयान को झूठा बताते हुए खारिज कर दिया है और कहा कि बेनफोल्ड (युद्धपोत) ने अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार ऑपरेशन को अंजाम दिया और फिर अंतरराष्ट्रीय जल में सामान्य ऑपरेशन करना जारी रखा।
अमेरिकी नौसेना ने अपने बयान में यह भी कहा कि चीन का यह बयान अमेरिकी समुद्री अभियानों को गलत तरीके से पेश करने और अपने अवैध समुद्री दावों पर जोर देने की एक नई कोशिश है। हालांकि नौसेना ने पीएलए के साथ संभावित मुठभेड़ का कोई विवरण नहीं दिया है।
गौरतलब है कि रविवार को बिडेन प्रशासन ने 2016 के अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल के फैसले पर अपने समर्थन की पुष्टि की है, जिसने अपने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय जल के बाहर चीन के दावों को खारिज किया है। यह सब तब हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने दक्षिण चीन सागर में चीन के लगभग सभी अहम समुद्री दावों को खारिज करने के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के फैसले को रविवार को बरकरार रखा।
अमेरिकी प्रशासन ने चीन को चेतावनी भी दी कि विवादित क्षेत्र में अगर किसी भी तरह का हमला हुआ तो अमेरिका एक पारस्परिक रक्षा संधि के तहत जवाबी कार्रवाई करेगा। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की ओर से यह कड़ा संदेश चीन के दावों के खिलाफ फिलिपीन के पक्ष में अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले के इस सप्ताह पांच साल पूरा होने से पहले जारी एक बयान में सामने आया है।
हालांकि चीन ने इस फैसले को खारिज किया है। चीन ने समुद्र के उन हिस्सों पर अपने दावों की एक बार फिर पुष्टि की है, जिन पर दक्षिण पूर्व एशिया की सरकारें दावा करती हैं। साथ ही चीन ने फिलीपींस के पक्ष में अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले के बिडेन प्रशासन के समर्थन की घोषणा को खारिज कर दिया है। दक्षिणी चीन सागर में चीन अपने दावों को लेकर एक बार फिरसे लगातार मुखर हो रहा है, जिसके चलते जापान, भारत, वियतनाम और फिलीपींस सहित अन्य पड़ोसियों के साथ तनाव बढ़ रहा है।