कहते हैं “होइहि सोइ जो राम रचि राखा ” अर्थात होता वही है जो प्रभु राम की मर्जी होती। एक दशक से जिस घडी का इन्तेजार पूरा देश कर रहा था, एक लंबी लड़ाई और जीत के बाद आज उस अयोध्या में जश्न का मौहाल है। हर तरफ प्रभु राम के आगमन की तैयारी है।
खबरों में भी आज कोई और चर्चा नही प्रभु राम के अलावा हो भी क्यों न लगभग 25 वर्ष के राजनैतिक वनवास के बाद आज 5 अगस्त 2020 को हुई, अयोध्या में प्रभु राम की वापसी की तैयारी हुई। गौरतलब है आज भूमी पूजन के उपरांत स्टील के एक लाख ग्यारह हजार डिब्बों में देशी घी के लड्डू प्रसाद के रूप में वितरित करें गए। यहां पर प्रसाद स्टील के डब्बे में रखकर अतिथियों के साथ भक्तों को दिया गया। श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के लिए पांच अगस्त की तारीख तय हुई थी।
देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार नरेंद्र मोदी अयोध्या जाएंगे। भूमि पूजन में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास लगभग 40 किलो चांदी की श्रीराम शिला समर्पित की। पीएम नरेंद्र मोदी इस शिला का पूजन किया और इसे स्थापित किया ।
श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के शुभारंभ की शुभ घड़ी अब पास है। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद वह पहली बार अयोध्या पहुंचे हैं, जो कि भूमिपूजन की वजह से ऐतिहासिक तिथि में शुमार होगा। इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तैयारियां की थी । प्रधानमंत्री के आगमन का कार्यक्रम पूरी तरह से तय किया जा चुका है। वह अयोध्या में करीब तीन घंटे गुजारेंगे।
शनिवार को ट्रस्टियों की बैठक में निर्णय के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तीन और पांच अगस्त की दो संभावित तिथियों का विकल्प दिया था उनसे भूमिपूजन का अनुरोध किया था। सभी तरह के खबरों की माने तो लगभग 3 साल में पूरा होगा निर्माण मंदिर निर्माण कब तक पूरा होगा, खबरों की माने तो जब सारे प्राथमिक काम पूरे हो जाएंगे तब से निर्माण की गणना शुरू की जाएगी। समाज के 10 करोड़ परिवार से धन संग्रह किया जाएगा, इसके बाद ही मंदिर का निर्माण शुरू किया जाएगा। इसके बाद अगर लॉकडाउन की परिस्थितियां सामान्य रहीं तो अगले तीन वर्ष में मंदिर निर्माण का काम पूरा हो जाएगा।