भीषण गर्मी के बीच एक बार फिर राजधानी दिल्ली में कई इलाकों में गहराते जल संकट को लेकर आम आदमी पार्टी ने हरियाणा सरकार पर दिल्ली के लिए कम जलापूर्ति करने का आरोप लगाया है। ‘आप’ विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हरियाणा सरकार राजनीतिक कारणों से जानबूझ कर दिल्ली के हक का पानी रोक कर दिल्लीवालों को परेशान कर रही है।
भारद्वाज ने भाजपा को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर दिल्ली के हक का पानी नहीं दिया गया तो हम लोग दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के घर का पानी कनेक्शन काट देंगे। उन्होंने कहा कि अब यही एक मात्र तरीका बचा है जिससे इन लोगों को सुधारा जा सकता है।
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने जानबूझ कर दिल्ली आने वाले पानी को रोक रखा है और प्रतिदिन 100 एमजीडी पानी कम भेजा जा रहा है। भाजपा की इस घटिया राजनीति को सहा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रतिदिन करीब 900 एमजीडी पानी की खपत होती है, लेकिन दिल्ली को 100 एमजीडी (करीब 10 प्रतिशत) कम पानी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली की कुल आबादी 2 करोड़ मान ली जाए तो इस हिसाब से भाजपा सरकार ने 20 लाख लोगों का पानी रोक रखा है।
वहीं, दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने भी शनिवार को कहा कि पहले दिल्ली 900-920 एमजीडी पानी का उत्पादन करती थी। दिल्ली जल बोर्ड ने इस साल 945 एमजीडी पानी का रिकॉर्ड उत्पादन कर लोगों के घर तक पानी पहुंचाया, लेकिन हरियाणा सरकार ने दिल्ली की खपत के लिए यमुना में छोड़े जाने वाले पानी को रोक लिया। इसकी वजह से पानी के उत्पादन में 100 एमजीडी की गिरावट आई है।
‘आप’ विधायक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हरियाणा प्रतिदिन करीब दस करोड़ गैलन पानी की कम आपूर्ति कर रहा है जिसके चलते एनडीएमसी क्षेत्रों, मध्य, दक्षिण और पश्चिम दिल्ली में पानी का संकट पैदा हो गया है।
राघव चड्ढा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित दिल्ली के लोगों के कानूनी हक को रोका है, क्योंकि उन्होंने यमुना में पानी की आपूर्ति कम कर दी है इसके कारण तीन प्रमुख वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स से प्रतिदिन कम पानी तैयार हो रहा है। उन्होंने कहा कि चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की उत्पादन क्षमता पहले के 90 एमजीडी से घटकर 55 एमजीडी हो गई है, वजीराबाद पहले के 135 एमजीडी की तुलना में 80 एमजीडी का उत्पादन कर रहा है और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अपने पहले के 20 एमजीडी के बजाय 15 एमजीडी पानी की आपूर्ति कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (यूवाईआरबी) ने हरियाणा को दिल्ली की पानी की आवश्यकता से 150 क्यूसेक अधिक की आपूर्ति करने का निर्देश दिया था, लेकिन अतिरिक्त पानी की तो बात ही छोड़िए, हरियाणा जरूरत की पूर्ति भी नहीं कर रहा है। उन्होंने इस संबंध में हरियाणा सरकार और संबंधित अधिकारियों ने 12 पत्र भेजे जाने का दावा करते हुए कहा कि इन पत्रों का कोई जवाब नहीं आया।