उत्तराखंड में मौसम ने एक बार फिर कहर बरपाया है। कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जिले के कपपोट की ग्राम सभा सुमगढ़ के ऐठाबन में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आया। हादसे में एक दंपति सहित एक बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई है। वहीं दूसरी ओर, पर्यटन नगरी मसूरी में शनिवार देर रात से शुरू हुई बारिश रविवार सुबह तक होती रही जिस से मसूरी- देहरादून मार्ग पर कई जगह पर मलबा आने के कारण बंद हो गया। लोक निर्माण विभाग द्वारा जेसीबी लगाकर मलबे को हटाने के बाद मार्ग को सुचारू किया गया। जबकि, पर्यटक स्थल कैंपटी फॉल में भी मलबा आया है।
कपकोट तहसील के सुमगढ़ ऐठाण गांव के अठाबड़ तोक में रहने वाले गोविंद सिंह पुत्र प्रताप सिंह के मकान के पीछे शनि—रविवार की आधी रात के बाद अचानक भूस्खलन हुआ और भारी मात्रा में तलबा मकान पर जा गिरा। हादसे के समय गोविंद सिंह उनकी पत्नी खष्टी देवी और बेटा हिमांशु सिंह घर पर सो रहे। मलबा मकान पर गिरा और पूरा मकान देखते ही देखते जमींदोज हो गया। मलबे में परिवार के तीनों सदस्य और गौशाला में बंधे उनके पशु दब गए। कपकोट तहसील के सुमगढ़ इलाके के सुमगढ़ ऐठाण गांव के अठाबड़ तोक में बारिश की वजह से क्षतिग्रस्त हुए मकान के मलबे में दबे तीनों लोगों की मौत की खबर है।
बता दें कि कल कपकोट इलाके में 45 एमएम बारिश दर्ज की गई है। हालांकि अभी रास्ते बंद होने के कारण अभी एसडीआरएफ की टीम मौके पर नहीं पहुंच सकी है। लेकिन ग्रामीणों ने मलबे में दबे शवों को निकालना शुरू कर दिया है। मरने वालों में पति पत्नी और उनका एक बेटा शामिल बताए जा रहे हैं। एसडीआरएफ के मौके पर पहुंचने के बाद ही अधिक व पुष्ट जानकारी मिल सकेगी। मलबे में परिवार के पालतू पशु भी दबे हुए हैं। यह कितने है यह अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।
मसूरी में तेज बारिश होने के कारण मसूरी कैमल बैक रोड नंद रेजिडेंसी होटल के सामने एक बड़ा पेड़ गिरने से एक इनोवा कार क्षतिग्रस्त हो गई और मार्ग बाधित हो गया जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पेड़ गिरने से विद्युत लाइने भी क्षतिग्रस्त हुईं हैं। पेड़ गिरने की सूचना पर मसूरी फायर सर्विस विद्युत विभाग के कर्मचारी और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। फायर सर्विस के जवानों के द्वारा सड़क पर गिरे पेड़ को काटकर हटाया गया और मार्ग को सुचारू किया गया। बताया जा रहा है कि देर रात भारी बारिश के कारण सड़क किनारे पुश्ते ढह जाने से पेड़ गिर गया।