यमुना पर प्रस्तावित तीन सौ मेगावाट क्षमता की लखवाड़ जल विद्युत परियोजना के निर्माण शुरू होने की एक बार फिर सुगबुगाहट तेज हुई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परियोजना को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी दिलाने का अनुरोध प्रधानमंत्री से किया है। जबकि एनजीटी की ओर से परियोजना को इसी वर्ष फरवरी माह में मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में कैबिनेट समिति की मंजूरी मिलने के बाद अब परियोजना निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा। मुख्यमंत्री की इस पहल का स्थानीय लोगों ने भी स्वागत किया है। तीन सौ मेगावाट की इस परियोजना को 1976 में केंद्र सरकार से स्वीकृति मिली थी, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि 1987 में सिंचाई विभाग ने परियोजना का कार्य शुरू किया, लेकिन तीस प्रतिशत कार्य होने के बाद बजट के अभाव में वर्ष 1992 में निर्माण कार्य रोक दिया गया।
वर्ष 2008 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर निर्माण की जिम्मेदारी उत्तराखंड जल विद्युत निगम को सौंपी गई। यूजेवीएनएल ने 2012 में परियोजना की नई डीपीआर तैयार की तो इसकी लागत भी 140 करोड़ से बढ़कर चार हजार करोड़ तक पहुंच गई। 2018 में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली सरकार के बीच एमओयू किया गया। उसके बाद से ही परियोजना के निर्माण के लिए चरणबद्ध तौर पर हर आगे बढ़ जा रहा है। इस साल फरवरी माह में एनजीटी से मंजूरी मिलने के बाद बजट की स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री ने जल्द इसे स्वीकृति दिलाने का अनुरोध प्रधानमंत्री से किया है।
छह राज्यों को मिलेगा पानी: परियोजना से उत्पादित होने वाली बिजली पर उत्तराखंड का अधिकार होगा। लेकिन पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली को भी मिलेगा।
अपर यमुना रिवर बोर्ड का गठन: राज्यों में जल बंटवारे को लेकर अपर यमुना रिवर बोर्ड का 1994 में ही गठन हो चुका है। परियोजना से हर रोज 12.6 मिलियन घन मीटर पानी मिलेगा। जिसमें से हरियाणा को 47.82 प्रतिशत, दिल्ली 6.04 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश 3.15 प्रतिशत, राजस्थान 9.34 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश को 29.83 और उत्तराखंड को 3.81 प्रतिशत पानी मिलेगा।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जताई खुशी:मुख्यमंत्री द्वारा लखवाड़ परियोजना जल्द शुरू कराने के लिए पीएम से किए अनुरोध पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने खुशी जताई है। जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, कालसी ब्लॉक प्रमुख मठोर सिंह, ज्येष्ठ उप प्रमुख भीम सिंह चौहान, कनिष्ठ उप प्रमुख रितेश असवाल ने कहा कि परियोजना निर्माण होने से ऊर्जा प्रदेश का सपना साकार होने के साथ ही पछुवादून जौनसार बावर के विकास के नए रास्ते खुलेंगे। यहां स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलेगा।
लखवाड़ जल विद्युत परियोजना के निर्माण के लिए दो फरवरी को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की ओर अनापत्ति मिल चुकी है। केंद्र से बजट स्वीकृति के लिए उचित माध्यम से प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
राजीव अग्रवाल, अधिशासी निदेशक लखवाड़ परियोजना