एक वित्तीय कंपनी के लिए सरकार में लॉबिंग के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल करने के आरोपों से घिरे ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के खिलाफ संसदीय जांच नहीं होगी.ग्रीनसिल कैपिटल नाम की एक कंपनी के हक में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों की लामबंदी के मामले में कैमरन फंस गए हैं. उनके खिलाफ लेबर पार्टी ने संसदीय जांच की योजना रखी लेकिन प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने अपने सांसदों से इसके खिलाफ वोट करने को कहा और प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया गया. बॉरिस जॉनसन ने एक सरकारी वकील नाइजल बोर्डमैन को इस मामले में स्वतंत्र पुनरावलोकन का जिम्मा दिया है. बोर्डमैन अपनी सरकारी भूमिका से अलग रहकर ग्रीनसिल मामले के वित्तीय पहलुओं और लॉबिंग की जांच पूरी करेंगे. लेबर पार्टी ने इसे सत्ताधारी कंजरवेर्टिव पार्टी के भ्रष्टाचार की लीपा-पोती करार दिया है. डेविड कैमरन ने रविवार को एक लंबा बयान जारी करके कहा कि उन्होंने कोई नियम नहीं तोड़ा है लेकिन इतना जरूर है कि उन्हें “सिर्फ औपचारिक तरीकों से संवाद करना चाहिए था ताकि भ्रामक प्रचार की कोई गुंजाइश ना रहे.” क्या है ग्रीनसिल कंपनी का मामला? इस ताजा विवाद के केंद्र में है ग्रीनसिल कैपिटल और उसकी नींव रखने वाले लेक्स ग्रीनसिल जो उस वक्त डेविड कैमरन के सलाहकार थे, जब वे प्रधानमंत्री पद पर थे. इसके चलते ग्रीनसिल की तमाम सरकारी महकमों में पहुंच बनी जिसके चलते उनकी कंपनी को जबरदस्त आर्थिक फायदा हुआ. हालांकि इस साल मार्च में यह कंपनी ठप हो गई. संडे टाइम्स अखबार की खोजी रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीनसिल उस दौर में बनी ऐसी नीतियों के मुख्य कर्ताधर्ता रहे हैं, जिनसे छोटी कंपनियों को तुरत-फुरत में सरकारी सहायता मुहैया कराई जा सके. उनकी अपनी कंपनी ग्रीनसिल कैपिटल भी लाभ पाने वाली ऐसी कंपनियों में शामिल है. 2016 में अपना पद छोड़ने के बाद डेविड कैमरन साल 2018 में ग्रीनसिल से जुड़ गए. आरोप है कि उन्होंने ब्रिटेन के चांसलर ऋषि सुनक को लिखित संदेश भेजे और कई आला अधिकारियों और मंत्रियों तक अपनी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए ग्रीनसिल कैपिटल को कोविड कॉरपोरेट वित्तीय सुविधा के तहत तात्कालिक सरकारी मदद दिलवाई. ऋषि सुनक के संदेशों को बाद में सार्वजनिक किया गया, तो पता चला कि अप्रैल 2019 में उन्होंने डेविड कैमरन को कहा था कि वे उन्हें वित्तीय सुविधा का पूरा लाभ देने के लिए अपनी विभागीय टीम पर दबाव बना रहे हैं. कैमरन ग्रीनसिल कैपिटल से सलाहकार के तौर पर जुड़े और उन्हें इससे लाखों पाउंड का फायदा होने की बात कही जा रही है. 2019 में कैमरन ने ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक और ग्रीनसिल के बीच एक निजी बातचीत भी करवाई. इसके अलावा यह बात भी सामने आई है कि 2018 में ग्रीनसिल ने सप्लाई चेन फाइनैंस सेवा के जरिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा यानी एनएचएस से जुड़ा एक कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में भी सफलता पाई. सप्लाई चेन फाइनैंस सेवा देने वाली कंपनियां एक निश्चित फीस के बदले किसी कंपनी के बिलों का भुगतान तुरंत करने में सहायता करती है. ग्रीनसिल की सरकारी मंत्रालयों में पैठ और अधिकारियों से संबंधों की परतें धीरे धीरे खुल रही हैं. सांठगांठ का यह संकट इस मंगलवार से और गहराता नजर आया जब यह बात सामने आई कि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी बिल क्रॉदर्स ने अपना पद छोड़ने से पहले ही ग्रीनसिल कैपिटल के सलाहकार के तौर पर काम करना शुरु कर दिया. चौंकाने वाली बात यह भी है कि उन्हें यह भूमिका निभाने के लिए आधिकारिक सहमति मिली हुई थी. लॉबिंग के मायने और सवाल ब्रिटेन में लॉबिंग राजनैतिक प्रक्रिया का मान्य हिस्सा है और सांसदों की लामबंदी आम बात है. लॉबिंग का मतलब है किसी नीति या जनहित के मसले पर सरकारी रुख को प्रभावित करने के लिए लामबंदी. इसके लिए लिखित सामग्री, ईमेल या सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि इसके लिए कायदे-कानून तय हैं ताकि सांसदों में भ्रष्ट आचरण और सरकारी महकमों में पहुंच का इस्तेमाल निजी फायदे के लिए ना किया जाए. ब्रिटिश संसद की वेबसाइट के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अपने सांसदों और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्यों को लामबंद कर सकता है. लॉबिंग करने वालों में व्यवसाय, चैरिटी, दबाव गुट, ट्रेड यूनियन और औद्योगिक प्रतिनिधि शामिल हैं. वर्तमान नियमों के मुताबिक ब्रिटेन में मंत्री और अहम प्रशासनिक अधिकारी पद छोड़ने के बाद दो साल तक लॉबिंग की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हो सकते. औपचारिक रूप से लॉबिंग करने वाले व्यक्तियों का नाम एक रजिस्टर में दर्ज किया जाता है. डेविड कैमरन ने 2016 में प्रधानमंत्री पद से विदा ली और ग्रीनसिल के साथ 2018 में जुड़े. वे एक स्वतंत्र लॉबिस्ट या किसी लॉबिंग कंपनी के लिए काम नहीं कर रहे थे, बल्कि ग्रीनसिल का हिस्सा थे. इसलिए रजिस्टर में नाम दर्ज करने की बात भी उन पर लागू नहीं हुई. ग्रीनसिल कैपिटल मामले में लॉबिंग से जुड़े कई अनसुलझे सवाल तो हैं लेकिन मामला कहीं अधिक पेचीदा है. उदाहरण के तौर पर लेक्स ग्रीनसिल डेविड कैमरन की सरकार में इतने भीतर तक पहुंच बनाने में कामयाब कैसे होते चले गए. एक सवाल यह भी है कि सरकार को एनएचएस से जुड़े भुगतान के लिए सप्लाई चेन फिनैंस सेवा लेने की जरूरत क्यों पड़ गई. ऋषि सुनक के संदेश और भूमिका पर सवालिया निशान हैं, तो एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का अपने पद पर रहते हुए एक निजी कंपनी में काम करना, आला सरकारी अधिकारियों और निजी हितों के बीच गहरी सांठ-गांठ की चिंताजनक स्थिति की ओर इशारा करता है. उम्मीद जताई गई है कि नाइजल बोर्डमैन ग्रीनसिल मामले में हुए वित्तीय फैसलों और लॉबिंग की प्रक्रिया पर अपनी रिपोर्ट जून के अंत तक देंगे. हालांकि लॉबिंग सरकारी महकमों और पूंजीवादी फायदों के उलझे तारों को यह रिपोर्ट सुलझा देगी, ऐसी उम्मीद बेमानी है.