पुणे जमीन घोटाले में दामाद गिरीश चौधरी को गिरफ्तार करने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज 11 बजे एनसीपी नेता एकनाथ खडसे को पूछताछ के लिए तलब किया। कुछ देर पहले वे ED ऑफिस में हाजिर हुए हैं। फिलहाल वे ED के सवालों का सामना कर रहे हैं। माना जा रहा है कि आज खडसे और उनके दामाद को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ होगी। उनके दामाद विशेष पीएमएलए अदालत के आदेश के बाद 12 जुलाई तक के ED की कस्टडी में है।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि चौधरी को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मंगलवार की रात को गिरफ्तार किया गया था। उनसे दक्षिण मुंबई में केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय में इस मामले में काफी देर तक पूछताछ की गई। अधिकारियों ने आरोप लगाया कि चौधरी पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे।
इंडस्ट्रियल लैंड कौड़ियों के दाम पर खरीदने का है आरोप
कुछ महीने पहले भाजपा का साथ छोड़ एनसीपी में शामिल हुए एकनाथ खडसे ने भूमि सौदे और कुछ अन्य आरोपों के बाद 2016 में फडणवीस सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उस समय वह राजस्व मंत्री थे। खडसे पर आरोप है कि उन्होंने पुणे के भोसारी इलाके में अपने परिवार को महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) की सरकारी जमीन कौड़ियों के दाम में खरीदने में मदद की थी। आरोप के मुताबिक, गिरीश चौधरी के नाम पर सिर्फ 3.75 करोड़ रुपये में खरीदी इंडस्ट्रियल लैंड खरीदी गई थी। जबकि, इसकी वास्तविक कीमत कई गुना ज्यादा थी। इसलिए ईडी को शक है कि इस जमीन को खरीदने में बड़ी गड़बड़ी हुई है। इससे सरकार को तकरीबन 61 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ।
ऐसे ED के पास आया मामला
साल 2016 में पुणे के कारोबारी हेमंत गवांडे ने शहर के बंद गार्डन पुलिस स्टेशन में एक कंप्लेंट दर्ज करवा कर इस घोटाले को उजागर किया था। इसके बाद साल 2017 में एकनाथ खडसे, उनकी पत्नी मंदाकिनी और गिरीश चौधरी के खिलाफ पुणे पुलिस के एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक FIR दर्ज की थी। हालांकि, बाद में ACB ने उन्हें क्लीन चिट भी दे दी थी। एसीबी ने जांच पूरी होने के बाद अप्रैल 2018 में पुणे की एक अदालत में 22 पन्नों की एक रिपोर्ट सौंपी थी। इसी FIR को आधार बनाते हुए ED ने जनवरी 2021 में इन तीनों पर केस दर्ज कर फिर से जांच शुरू की थी। ED इससे पहले इसी मामले में एक बार खडसे से पूछताछ कर चुकी है।