दिल्ली की एक अदालत ने इस साल गणतंत्र दिवस पर किसानों की प्रदर्शन रैली के दौरान लाल किले में हिंसा और तोड़फोड़ में कथित तौर पर शामिल एक व्यक्ति को गुरुवार को जमानत दे दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने अभियोजन और आरोपी के वकील दोनों की दलीलें सुनने के बाद बूटा सिंह को जमानत दे दी। बूटा सिंह ने किसानों के आंदोलन में कथित तौर पर सक्रिय भूमिका निभाई।
पांच महीने से अधिक समय तक फरार रहने के बाद 26 वर्षीय बूटा सिंह पर 50,000 रुपये का इनाम रखा गया और 30 जून को उसे पंजाब के तरण तारण से गिरफ्तार कर लिया गया। दिल्ली पुलिस के अनुसार सिंह उस दंगाई भीड़ का हिस्सा था जिसने गणतंत्र दिवस पर लाल किले में पुलिस कर्मियों पर हमला किया और सार्वजनिक संपत्ति को लूटा तथा तोड़फोड़ की। पुलिस ने पूछताछ करने तथा कथित साजिश के वित्त पोषण के स्रोत का पता लगाने के लिए अदालत से उसकी पांच दिन की हिरासत मांगी थी। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (डीएसजीएमसी) की कानूनी टीम इस मामले पर विचार कर रही है।
वकील जसप्रीत राय, रविंदर कौर, वीपीएस संधू, जसदीप एस ढिल्लों, कपिल मदान, नीतिन कुमार और गुरमुख सिंह ने मामले में आरोपी की पैरवी की। गौरतलब है कि 26 जनवरी को प्रदर्शनरत किसानों की तीन कृषि कानूनों के खिलाफ निकाली ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस से झड़प हो गयी थी और वे लाल किले में घुस गए थे, उसके गुंबद पर धार्मिक झंडे फहराए थे और सैकड़ों पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया था।