पिछले साल राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। जयपुर की एक अदालत ने पिछले साल लीक हुए ऑडियो क्लिप से जुड़े मामले में शेखावत और कथित बिचौलिए संजय जैन की आवाज के नमूने लेने के निर्देश दे दिए हैं। बता दें कि ऑडियो में, कुछ लोग कथित तौर पर राजस्थान में सत्तारूढ़ अशोक गहलोत सरकार को गिराने के लिए बातचीत कर रहे थे।
राजस्थान की एंटी करप्शन ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ब्यूरो ने 30 जून के आसपास अदालत में एक आवेदन दायर कर शेखावत और जैन की आवाज के नमूने एकत्र करने की अनुमति मांगी थी। मामले की सुनवाई सीएमएम कोर्ट ने बुधवार को की, जहां कोर्ट ने सैंपल कलेक्ट करने की इजाजत दी और रेंट कंट्रोल ट्रिब्यूनल के मजिस्ट्रेट को सैंपल कलेक्ट करने का आदेश दिया।
उन्होंने कहा कि अब संबंधित मजिस्ट्रेट शेखावत और जैन को अदालत में पेश होने और नमूने देने के लिए नोटिस जारी करेंगे। नोटिस एसीबी द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेष कार्य अधिकारी लोकेश शर्मा के खिलाफ इस साल 25 मार्च को शेखावत फोन टैपिंग के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी। लोकेश शर्मा अपने खिलाफ हुई एफआईआर को रद्द कराने के लिए अदालत पहुंचे थे और 3 जून को दिल्ली हाई कोर्ट ने अगले आदेश तक शर्मा के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।
फोन टैपिंग विवाद पिछले साल जुलाई में राजस्थान में शुरू हुआ था। पिछले साल जुलाई में सचिन पायलट के खेमे की बगावत के समय तीन ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। जिनमें विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर बातचीत की जा रही थी। एसीबी और राज्य एटीएस ने जांच के बाद बताया था कि इन ऑडियो में शेखावत, उस समय पायलट खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा और जैन की आवाज है। जांच एजेंसियों का कहना है कि जैन इस मामले में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था।