गाजीपुर बॉर्डर पर 30 जून को वाल्मीकि समाज के नेता अमित वाल्मीकि पर कथित तौर पर किसानों द्वारा किए गए हमले के विरोध में वाल्मीकि समाज के लोगों ने शनिवार को गाजियाबाद की नवयुग मार्केट स्थित वाल्मीकि पार्क में धरना-प्रदर्शन शुरू किया। इस दौरान वाल्मीकि समाज के लोगों ने किसान नेता राकेश टिकैत का पुतला दहन कर अपना रोष जताया।
पुतला दहन के बाद धरना-प्रदर्शन के दौरान वाल्मीकि समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप चौहान ने आरोप लगाया कि राकेश टिकैत ने उनको जातिसूचक शब्दों से संबोधित किया था। इस कारण उनकी मांग है कि टिकैत पर एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जाए। इसके साथ ही यूपी गेट पर किसान आंदोलन में की जा रही सफाई व्यवस्था को भी तत्काल रोका जाए।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द ही इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वाल्मीकि समाज के लोग डीएम और एसएसपी के आवास पर कूड़ा फेंकेंगे। रविवार को वाल्मीकि समाज नवयुग मार्केट से चोपला मंदिर तक राकेश टिकैत की शव यात्रा निकालेगा।
भाजपा कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच हुई थी झड़प
दिल्ली-उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले गाजीपुर बॉर्डर पर भाजपा कार्यकर्ताओं और नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के बीच बुधवार को झड़प हो गई थी, जिससे दोनों पक्षों के कुछ लोग घायल हो गए थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हंगामा उस समय हुआ जब भाजपा कार्यकर्ता उस फ्लाईओवर से अपना जुलूस निकाल रहे थे जहां केन्द्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसान नवंबर 2020 से धरने पर बैठे हुए हैं, जिनमें अधिकतर भारतीय किसान यूनियन के समर्थक हैं। उन्होंने बताया कि दोपहर करीब 12 बजे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और दोनों ओर से जमकर लाठी-डंडे चले, जिस वजह से कुछ लोग जख्मी हो गए।
घटना के बाद सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो और तस्वीरों में कथित रूप से कुछ गाड़ियां क्षतिग्रस्त हालत में दिख रही थीं। ये गाड़ियां भाजपा नेता अमित वाल्मिकी के काफिले का हिस्सा थीं और वाल्मिकी के स्वागत के लिए ही जुलूस निकाला जा रहा था।
किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि यह प्रकरण तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन को कुचलने और इसे बदनाम करने की भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की साजिश है। दूसरी तरफ, भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अमित वाल्मिकी के स्वागत कार्यक्रम के दौरान उनके खिलाफ जातिगत टिप्पणी की गई और अपशब्द कहे गए, जिसके चलते झगड़ा हुआ।
वहीं, गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि अपने दल के झंडे लहराते हुए भाजपा कार्यकर्ता अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए किसानों से भिड़ गए।