जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेनिंग) भर्ती घोटाले में दस साल की सजा काट चुके हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला शुक्रवार को दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा हो गए। चौटाला फिलहाल पैरोल पर बाहर थे और आज औपचारिक तौर पर उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया है।
इनेलो सुप्रीमो ने रिहाई के लिए जेल में पहुंच कर कागजी कार्रवाई पूरी की और कुछ देर बाद जेल से बाहर आ गए। तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद इनेलो सुप्रीमो अपने गुरुग्राम स्थित आवास के लिए रवाना हो गए। इस दौरान दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर सैकड़ों की तादाद में जुटे इनेलो कार्यकर्ताओं ने फूलों और नारों के साथ चौटाला का जोरदार स्वागत किया।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी ने गुरुवार को बताया था कि ओम प्रकाश चौटाला की रिहाई के बाद हरियाणा की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों के लोग बेसब्री से इनेलो सुप्रीमो की रिहाई का इंतजार कर रहे हैं।
दिल्ली: जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेनिंग) भर्ती घोटाले में सजा पूरी कर चुके हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को तिहाड़ जेल से आज रिहा किया गया।
बता दें कि, दिल्ली सरकार ने पिछले महीने आदेश पारित कर कोविड-19 महामारी के चलते जेलों में भीड़ कम करने के इरादे से ऐसे कैदियों की छह महीने की सजा माफ कर दी थी, जिन्होंने 10 साल की कैद में से साढे़ नौ साल की सजा काट ली है।
अधिकारियों के मुताबिक, 86 वर्षीय चौटाला पहले ही साढ़े नौ साल की सजा पूरी कर चुके थे और ऐसे में वह रिहा होने की अर्हता रखते थे। इससे पहले अधिकारी ने बताया कि शिक्षक भर्ती घोटाले में वर्ष 2013 से कैद की सजा काट रहे चौटाला 26 मार्च 2020 से ही कोविड-19 आपात पैरोल पर जेल से बाहर हैं। उन्हें 21 फरवरी 2021 को सरेंडर करना था, लेकिन हाईकोर्ट ने पैरोल की अवधि बढ़ा दी थी।
वर्ष 2000 में गैर कानूनी तरीके से 3,206 जूनियर बेसिक शिक्षकों की भर्ती के मामले में अदालत ने ओम प्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला और आईएएस अधिकारी संजीव कुमार सहित 53 अन्य को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी।