सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में अदालत ने आरोप तय करने पर फैसले को एक फिर अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया है। अदालत ने इस बार 27 जुलाई की तारीख तय की है। पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात शहर के एक लग्जरी होटल के सुइट में मृत पाई गई थी। इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर मुख्य आरोपी हैं। उन पर पत्नी सुनंदा पुष्कर को दहेज के लिए प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।
राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश गीताजंलि गोयल की अदालत ने इस मामले में आरोप तय करने पर निर्णय को टालते हुए कहा कि फिलहाल कोविड-19 की महामारी के चलते बहुत जरूरी मामलों पर ही सुनवाई हो पा रही है। कर्मचारियों की उपस्थिति भी कम रखी गई है। ऐसे में इस मामले में आरोप तय करने पर निर्णय का आदेश तैयार करना संभव नहीं है। इससे पहले अदालत ने इस मामले में अभियोजन व बचाव पक्ष की आरोपपत्र पर विस्तृत बहस सुनी।
सरकारी वकील का कहना था कि पुष्कर मानसिक प्रताड़ना के कारण बेहद तनाव में थीं। इसी कारण उनकी सेहत लगातार गिरती जा रही थी। सरकारी वकील ने कहा कि यह कोई हादसे के कारण मौत नहीं थी, बल्कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बताती है कि सुनंदा पुष्कर को जहर दिया जा रहा था, बेशक वह खाने अथवा इंजेक्शन के माध्यम से दिया गया हो। सरकारी वकील ने आरोपपत्र पर अपनी बहस में कहा कि इससे पहले सुनंदा पुष्कर को स्वास्थय को लेकर कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन उन्हें थरूर से शादी के बाद प्रताड़ना के कारण तनाव व अन्य शारीरिक दिक्कतें शुरू हो गई थीं।
वहीं, थरूर के वकील ने अपने मुवक्किल का बचाव करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं कर पाया, जिससे पता चलता हो कि पुष्कर को जहर दिया जा रहा था। यहां तक कि दूसरे देशों में कराई गई जांच में भी ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया है। इतना ही नहीं पुलिस के पास प्रताड़ना को लेकर भी कोई ठोस सबूत नहीं है। पुष्कर का स्वास्थ्य ठीक नहीं था, ऐसा तमाम दस्तावेजों में सामने आया है फिर मृत्यु को असमान्य मानने की वजह जांच एजेंसी के पास नहीं है।
दूसरी बार स्थगित हुआ आरोप तय पर निर्णय
इस मामले में अदालत ने अभियोजन व बचाव पक्ष की जिरह सुनने के बाद 12 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में अदालत ने आरोप तय 16 जून को निर्णय की तारीख दी थी, लेकिन फिर इस पर फैसले को दो जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया था, परन्तु कोविड-19 के कारण सुनवाई को देखते हुए एक फिर इस मामले में निर्णय को 27 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया। ज्ञात रहे कि 23 जुलाई तक दिल्ली हाईकोर्ट व दिल्ली की सातों जिला अदालताें में बहुत जरूरी मामलों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही सुनवाई होनी है।
क्या है मामला?
शशि थरूर की पत्नी सुनंदा की 17 जनवरी 2014 की रात चाणक्यपुरी स्थित पांच सितारा होटल लीला पैलेस के सुइट नंबर 345 में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू की और इस मामले में शशि थरूर से भी पूछताछ की थी। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने अदालत को बताया था कि पति के साथ तनावपूर्ण रिश्तों की वजह से पुष्कर मानसिक रूप से परेशान थीं। पुलिस ने आरोप लगाया था कि पुष्कर की मौत से कुछ दिन पहले उनकी अपने पति से हाथपाई हुई थी और इसके निशान शरीर पर मौजूद थे। पुलिस के मुताबिक, थरूर ने पुष्कर को प्रताड़ित किया जिसकी वजह से उन्होंने आत्महत्या की।
सुनंदा पुष्कर की मौत थरूर से शादी के तीन साल तीन महीने और 15 दिन बाद हुई थी, जबकि दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी। दिल्ली पुलिस ने एक जनवरी 2015 को अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज की थी। थरूर अभी तिरूवनंतपुरम से लोकसभा सांसद हैं।
उल्लखेनीय है कि दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-498 ए (पति या उसके रिश्तेदार द्वारा अत्याचार) और धारा-306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर को आरोपी बनाया है। आरोप साबित होने पर मामले में क्रमश: तीन साल और 10 साल की सजा हो सकती है।