नोएडा पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गुरुवार को लॉजिक्स मॉल के पास से गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से चोरी की 10 लग्जरी कारें बरामद की गई हैं। ऑन डिमांड कार चोरी करना वाला यह गिरोह नेपाल सहित अन्य जगहों पर चोरी की इन कारों को बेचता था।
डीसीपी राजेश एस ने बताया कि सूचना मिली थी कि कुछ वाहन चोर लॉजिक्स मॉल के पास लग्जरी गाड़ियों को चोरी करने की फिराक में घूम रहे हैं। सूचना मिलने के बाद सेक्टर-24, 58 पुलिस और एंटी व्हीकल थैफ्ट टीम मौके पर पहुंची और पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों की पहचान गिरोह के सरगना मुरादनगर के गांव सरना निवासी हारुन सैफी, मेरठ के घोसीपुरा गांव निवासी गुलफाम उर्फ कटोरा, बुलंदशहर के गांव भमरा निवासी साजिद, सैठा गांव के यूसुफ और गाजियाबाद के गांव जलालपुर निवासी अमित कुमार के रूप में हुई। सरगना पहली बार पुलिस की गिरफ्त में आया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह ‘कबूतर’ के गुर्गे हैं।
पुलिस ने आरोपियों से चोरी की 10 लग्जरी कारें बरामद की हैं। इनमें दो फॉर्च्यूनर, एक इनोवा, एक स्कॉर्पियो, एक वरना, एक स्विफ्ट, एक सेंट्रो, एक ऑल्टो, एक बुलेरो और एसेंट कार शामिल है। इसके अलावा आरोपियों से स्कैनर प्रिंटर, स्कैनर पैड, वेल्डिंग मशीन, एक टूल किट व बॉक्स, पेचकश, वायरिंग चेक करने का मीटर, एक गिलेंडर, पेच खोलने की मशीन, नंबर लगाने की मशीन, बोल्ट खोलने की चाबियां, कई जोड़ी गाड़ियों की नंबर प्लेट, गाड़ियों की चाबी की चिप और 42 आधी बनी चाबियां सहित अन्य उपकरण बरामद किए हैं।
एनसीआर से 500 से ज्यादा कारें उड़ा चुके
गिरोह ने नोएडा-एनसीआर से 500 से ज्यादा लग्जरी कारें चोरी की हैं। आरोपी हारुन, गुलफाम और अमित गाड़ियों को चोरी करते थे। फिर चोरी की गाड़ियों के इंजन व चैसिस नंबर को बदल देते थे ताकि पुलिस की पकड़ में न आ सकें। फिर अपने साथियों की मदद से गाड़ियों को अलग-अलग कीमत पर बेचते थे।
महंगी गाड़ियों को ‘कबूतर’ कहते थे आरोपी
एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि आरोपी प्रत्येक कार का नाम कोड वर्ड में लेते थे। वह फॉर्च्यूनर और इनोवा को ‘कबूतर’ के नाम से पुकारते थे। इसी वजह से इस गिरोह को एनसीआर में ‘कबूतर’ गिरोह के नाम से जाना जाता है। आरोपी यूसुफ अपने गांव सेठा में टोना-टोटके का काम करता है। उसे गिरोह में नींबू काटा बाबा के नाम से बुलाया जाता है। वह टोना-टोटके की आड़ में अपने मकान के नीचे आहते में चोरी की कारों को टैम्पर करता था।
नेपाल, कश्मीर सहित अन्य जगह ऑन डिमांड बेचते थे गाड़ियां
गिरोह ऑनलाइन डिमांड के आधार पर चोरी की गाड़ियों को विभिन्न प्रदेशों में बेचता था। आरोपियों ने अभी तक नेपाल के अलावा पंजाब, कश्मीर, झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न प्रदेशों में चोरी की गाड़ियों को ऑन डिमांड पर बेचा है।
दो से तीन मिनट में कर देते थे वारदात
गिरोह के सदस्य दो से तीन मिनट में 30 से 40 लाख रुपये की कार का लॉक तोड़कर चोरी कर लेते थे। आरोपी स्कैनर टैब टूल सॉफ्टवेयर के माध्यम से गाड़ी की चाबी को स्कैन कर सॉफ्टवेयर से कोडिंग कर दूसरी चाबी तैयार कर इंजन स्टार्ट कर लेते थे। इस टूल को गाड़ी के हैंडल के नीचे लगे ईसीएम (इंजन कंट्रोल मशीन) से स्कैन कर दूसरी चाबी तैयार करते थे। फिर दूसरी चाबी की मदद से इंजन स्टार्ट करने के बाद एक गेट का शीशा तोड़कर कार चोरी कर फरार हो जाते थे। इस तरह आरोपी मात्र दो से तीन मिनट के बीच कार चोरी कर लेते थे। जिस गाड़ी का लॉक नहीं खुलता था, उस पर भारी मैगनेट रखकर लॉक तोड़ देते थे।
चुराई कार की कीमत
फार्च्यूनर-साढ़े तीन लाख, इनोवा-तीन लाख, स्कॉर्पियो-ढाई लाख, वरना-दो लाख, स्विफ्ट-70 हजार, सेंट्रो और अल्टो को 30 से 50 हजार रुपये में बेच दिया जाता था। आरोपियों के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, मेरठ, नोएडा सहित एनसीआर में चोरी के एक दर्जन से ज्यादा केस दर्ज हैं। सरगना हारुन पर 10, गुलफाम के खिलाफ 14, साजिद पर 12, यूसुफ पर 10 और अमित के खिलाफ 10 केस दर्ज हैं।
आरोपियों का था अलग अलग काम
हारुन, गुलफाम, अमित सहित फरार आरोपी इश्तयाक, उमर उर्फ बोना, चना, हासिम, आकिल गाड़ियां चोरी करते थे। साजिद स्कैनर टैब टूल सॉफ्टवेयर से दूसरी चाबी तैयार करता था। ऑनलाइन डिमांड के आधार पर ऊंचे दामों पर गाड़ियों को दिल्ली के कबाड़ी परमजीत उर्फ पम्मा, राजीव सुंदर नगरी को बेचता था। यूसुफ गाड़ियों पर टैंपरिंग करता था।