दरभंगा ब्लास्ट केस में हैदराबाद से गिरफ्तार दो भाइयों इमरान मलिक और नासिर खान लेकर एटीएस टीम शुक्रवार सुबह पटना पहुंची। आज दोनों को एनआईए कोर्ट में पेश किया जा सकता है जहां एनआईए दोनों की ट्रांजिट रिमांड की मांग कर सकती है। फिलहाल उन्हें एटीएस बिल्डिंग में रखा गया है जहां अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं।
इमरान और नासिर को तेलंगाना काउंटर इंटेलीजेंस और बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 28 जून को पुलिस ने इसकी जानकारी दी थी। दरभंगा में रेलवे स्टेशन परिसर के अंदर 17 जून को विस्फोट हुआ था। इस मामले की जांच में बिहार, यूपी और तेलंगाना एटीएस के अलावा एनआईए भी शामिल है। ब्लास्ट के पीछे किसी बड़ी आतंकी साजिश की आशंका है। जैसे-जैसे मामले की तफ्तीश आगे बढ़ रही है इसके पीछे विदेशी तार और बड़ी आतंकी साजिश का खुलासा हो रहा है। कहा जा रहा है कि ट्रेन के अंदर पार्सल भेजने का मकसद बड़ा खतरनाक था। यह बिहार को दहलाने की साजिश थी। गनीमत रही कि पार्सल में ब्लास्ट दरभंगा जंक्शन पर पहुंचने के बाद जिस वक्त हुआ उस समय स्थ्िातियां ऐसी थीं कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। इस घटना में कोई जख्मी नहीं हुआ। एक ट्रेन के पार्सल वैन से भंडार स्थल तक कपड़ों का बंडल ले जाते समय इसमें विस्फोट हुआ था। पार्सल सिकंदराबाद से चलने वाली एक ट्रेन से आया था और विस्फोट के बाद कपड़े के बंडल में आग लग गई।
दोनों भाइयों को इसी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार को दोनों को फ्लाइट से पटना लाया गया। सुबह पटना एयरपोर्ट से एटीएस और एनआईए की गाड़ियों का काफिला उन्हें लेकर निकला और सीधे एटीएस ऑफिस ले जाया गया। बताया जा रहा है कि एटीएस और एनआईए के उच्चाधिकारी दोनों से पूछताछ कर रहे हैं।
पार्सल की बुकिंग में शामिल थे दोनों
एक अधिकारी ने बताया, दोनों को सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर पार्सल की बुकिंग में कथित भूमिका के लिए हिरासत में लिया गया है। उन्होंने विस्तार से जानकारी देने से इंकार कर दिया। यह पूछने पर कि क्या विस्फोट में आतंकवाद का कोण होने का पुलिस को संदेह है तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है।
पार्सल दरभंगा के लिए पर नम्बर शामली का
दरभंगा स्टेशन पर गुरुवार को जिस पार्सल में धमाका हुआ था, उसे सुफियान नाम के शख्स ने सिकंदराबाद से भेजा था। दरभंगा में जिसे पार्सल लेना था उसका भी नाम सुफियान ही है। अबतक न तो तेलंगाना वाले सुफियान को ढूंढ़ा जा सका है न ही दरभंगा वाले को। आशंका जताई जा रही है कि पार्सल भेजने के लिए फर्जी नाम का इस्तेमाल किया गया। इसकी एक वजह और भी है। गलत मोबाइल नम्बर। पार्सल पर जो मोबाइल नम्बर दिया गया है वह भी तेलंगाना और बिहार के किसी व्यक्ति का नहीं है। बताया जाता है कि उक्त मोबाइल नम्बर उत्तर प्रदेश के शामली का है। हालांकि किस व्यक्ति के नाम पर यह मोबाइल नम्बर रजिस्टर्ड है इसकी जानकारी नहीं दी गई है। फर्जी नाम पते के बाद शामली के किसी शख्स का मोबाइल नम्बर सामने आने के बाद जांच एजेंसियां और चौकस हो गई हैं। पार्सल के पीछे किसी गहरी साजिश की आशंका के मद्देनजर हर एक पहलू पर जांच की जा रही है। हालांकि अभी तक किसी को पूछताछ के लिए हिरासत में नहीं लिया गया है। जांच एजेंसियां पहले उन संदिग्धों तक पहुंचने में जुटी है जिनका कनेक्शन इस पार्सल से है।
पार्सल भेजने का मकसद समझ से परे
दरभंगा स्टेशन पर जिस पार्सल में धमाका हुआ उसमें कपड़ों के अलावा एक शीशी में कुछ रसायन मिला था। धमाके की वजह से कपड़े पर जले का निशान भी था और जिस शीशी में केमिकल रखा था उसमें दरार आ गई थी। धमाका जोर का नहीं था, पटाखे की तरह आवाज आई थी। अधिकारी फिलहाल यह नहीं समझ पा रहे कि धमाके की वजह क्या थी। यदि पार्सल में बम था तो धमाका जोरदार होता। पर केमिकल की वजह से विस्फोट हुआ तो कपड़ों के साथ इसे भेजने का क्या मकसद हो सकता है।