भारत से कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप अब कम होता दिखाई दे रहा है. लेकिन तीसरी लहर का खतरा अब भी बना हुआ है. देशभर के लोगों में तीसरी लहर को लेकर डर है. ऐसे में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के वैज्ञानिकों ने कहा है कि मंबुई में कोरोना की संभावित तीसरी लहर के चरम पर पहुंचने की संभावना कम है, क्योंकि दूसरी लहर के दौरान शहर से लगभग 8- प्रतिशत लोग पहले ही संक्रमित हो चुके हैं।
टीआईएफआर स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड कंप्यूटर साइंस के डीन डॉ संदीप जुनेजा ने कहा, “तीसरी लहर में दोबारा संक्रमित होने की संभावना कम है”
उन्होंने कहा, जो पहली लहर के दौरान संक्रमित हुए थे वे एंटीबॉडी के घटते स्तर के साथ दोबारा संक्रमित हो सकते हैं। लेकिन दोबारा संक्रमित होने के मामलों की तलाश और निगरानी करने से अधिकारियों को संभावित तीसरी लहर से कुशलता से निपटने में मदद मिलेगी। भारत में महामारी के लगभग 17 महीने हो चुके हैं, और 2020 में पहली लहर में संक्रमित लोग एंटीबॉडी के स्तर में गिरावट के कारण वे फिर से कमजोर हो सकते हैं। ”
रिपोर्ट बताती है कि भले ही कोविड -19 महामारी की तीसरी लहर आए, लेकिन मुंबईकरों के बीच हर्ड इम्यूनिटी बढ़ने के कारण इसका जोखिम कम होगा। हालाँकि, TIFR रिपोर्ट कुछ निराशावादी परिदृश्यों को भी बताती है।
डॉ जुनेजा ने कहा कि अगर शहर के 20 प्रतिशत निवासियों को जो अभी तक वायरस के संपर्क में नहीं आए हैं, उन्हें टीका लगाया जाता है, तो इससे दोबारा संक्रमण के मामलों पर नजर रखने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट में जो खतरे की बात है वह यह है कि 80 प्रतिशत लोगों में से 10 प्रतिशत लोगों का दोबारा संक्रमित होने का जोखिम या संक्रमित हो गए हैं, तो वे या तो पहली बार की तरह ही ठीक हो सकते हैं या फिर वे Covid-19 ने डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं। जो आम संक्रमण की तुलना में 50 प्रतिशत ज्यादा वायरल है।
रिपोर्ट में अन्य कारकों पर भी विचार किया गया है जो निवासियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं, जैसे कि कोविड -19 टीकों की खराब प्रभावशीलता, या शहर को 60 प्रतिशत के स्तर पर खोलना, लोगों का कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन न करना। TIFR की रिपोर्ट में कहा गया है कि उपरोक्त नकारात्मक कारकों के बावजूद, संभावित तीसरी लहर दूसरी लहर से आगे नहीं बढ़ेगी।
डॉ जुनेजा कहते हैं, “यदि दोबारा हुए संक्रमण हल्के होते हैं, या कोई नया संस्करण नहीं होता है, और टीका कवरेज व्यापक होता है, तो तीसरी लहर का ज्यादा असर देखने को नहीं मिलेगा।”