समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सत्ता लोलुप भाजपा ने धन बल-छल बल और सत्ता बल का अनैतिक खेल खेला है। इससे साबित होता है कि वह जनादेश का सम्मान करना नहीं चाहती है। अखिलेश ने रविवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा ने जिस तरह से जिलों में पंचायत अध्यक्षों के नामांकन अलोकतांत्रिक तरीके से रोके हैं उससे इन चुनाव की निष्पक्षता एवं पवित्रता नष्ट हुई है। यह लोकतंत्र की हत्या की साजिश है। वाराणसी एवं गोरखपुर में भी जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में भाजपा बुरी तरह पराजित हुई थी ऐसे में उनके अध्यक्षों का निर्विरोध निर्वाचन एक चमत्कार से कम नहीं।
सच तो यह है कि भाजपा ने पिछले साढ़े चार वर्षों में जनता को हर कदम पर धोखा दिया है। जनसामान्य के उपयोग की सभी वस्तुएं इस भाजपा राज में मंहगी हुई है। भाजपा नेतृत्व और उसकी सरकार की राजनीति सत्ता के इर्द-गिर्द ही घूमती है। जनहित और नैतिक मूल्यों के प्रति उसकी दिलचस्पी नहीं दिखती है जबकि समाजवादी पार्टी लोकतंत्र और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा का चरित्र संविधान की रक्षा की शपथ और लोकतंत्री आचरण के विरुद्ध है। लोकतंत्र को नकारना भाजपा को बहुत मंहगा पड़ेगा। सन् 2022 में जनता पूरा हिसाब लेगी। किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। भाजपा सरकार किसानों की मांगों पर विचार करने के बजाय उन्हें अपमानित कर रही है। नौजवानों के पास नौकरी और रोजगार नहीं है। प्रदेश में विकास परियोजनाएं ठप्प हैं। भाजपा सबसे बदला लेने के काम में लगी है। चारों तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है। भाजपा के अंधेर राज में कालाधन का चलन चरम पर है।