दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान राजधानी में ऑक्सीजन संकट की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल की अंतरिम रिपोर्ट पर विवाद के एक दिन बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को एक बार फिर पलटी मारी है। इस बार, केजरीवाल ने केंद्र से मिलकर काम करने का आह्वान किया ताकि तीसरी लहर में किसी को ऑक्सीजन की कमी का सामना नहीं करना पड़े।
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ”ऑक्सीजन पर आपका झगड़ा खत्म हो गया हो तो थोड़ा काम कर लें? आइए मिलकर ऐसी व्यवस्था बनाते हैं कि तीसरी वेव में किसी को ऑक्सीजन की कमी ना हो। दूसरी लहर में लोगों को ऑक्सीजन की भीषण कमी हुई। अब तीसरी लहर में ऐसा ना हो। आपस में लड़ेंगे तो करोना जीत जाएगा। मिलकर लड़ेंगे तो देश जीतेगा”।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त ऑडिट कमेटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली सरकार ने अप्रैल और मई में अपनी ऑक्सीजन की जरूरत को चार गुना बढ़ा दिया। हालांकि, दिल्ली सरकार ने ऑडिट कमेटी के दावों को खारिज करते हुए भाजपा पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ऑडिट कमेटी की ऐसी कोई रिपोर्ट आई ही नहीं हैं। हमने एक तथाकथित रिपोर्ट के बारे में सुना है जिसमें दावा किया गया है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की मांग को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया था। भाजपा नेता आप सरकार के खिलाफ ऐसी रिपोर्ट का हवाला देते रहे हैं। सच्चाई यह है कि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है। भाजपा लोगों को गुमराह कर रही है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि केंद्र ने दिल्ली सरकार को जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन मुहैया कराई, लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा कुप्रबंधन के कारण ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले जब कुछ स्थानों पर स्टॉक में केवल 48 घंटे ऑक्सीजन बचा था, जबकि कहीं यह सिर्फ 48 मिनट के लिए था।
कमेटी का नेतृत्व करने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने शनिवार को कहा कि यह कहना सही नहीं होगा कि दिल्ली ने अपनी ऑक्सीजन की जरूरतों को बढ़ाकर बताया था। गुलेरिया ने टीवी चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने यह भी कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट एक “अंतरिम रिपोर्ट” है और हमें अंतिम रिपोर्ट की प्रतीक्षा करनी चाहिए।