यूपी पुलिस की जांच में पत्रकार अतुल अग्रवाल के साथ हुई लूट की वारदात बिलकुल फर्जी निकली है। पुलिस ने नोएडा एक्सटेंशन में उनके साथ हुई कथित लूट की वारदात को गलत बताया है। पुलिस का कहना है कि इस तरह की किसी घटना की पुष्टि नहीं हुई है।
दरअसल, हाल ही में हिंदी खबर के एडिटर इन चीफ अतुल अग्रवाल ने फेसबुक पोस्ट में आरोप लगाया था कि पिछले हफ्ते नोएडा एक्सटेंशन के पास हथियारबंद हमलावरों ने उनसे 5,000 रुपये लूट लिए थे। पत्रकार ने बेशक एफआईआर दर्ज नहीं करवाई थी लेकिन पुलिस ने उनके सोशल मीडिया पोस्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच की।
नोएडा पुलिस ने बयान में कहा, ‘पांच सीओजी अधिकारियों की एक टीम ने मामले की जांच की। हमने कथित घटना से संबंधित सभी इलेक्ट्रॉनिक और सीसीटीवी सबूतों की जांच की। पत्रकार ने आरोप लगाया था कि लूटपाट रात करीब एक बजे हिंडन पुल के पास हुई जिसके बाद वे घर चले गए। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि वे सुबह 1 बजे के बाद सेक्टर 121 में स्थित ओयो होटल के कमरे में पहुंचे थे जहां उन्होंने रात बिताई। होटल के कमरे और उनके घर के बीच की दूरी इस बात का संकेत देती है कि यह संभव नहीं है कि वहां घटना घटी हो।’
पुलिस ने आगे कहा, सभी सबूत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि अतुल अग्रवाल के साथ लूट की कोई घटना नहीं हुई। उन्होंने निजी कारणों से झूठी कहानी को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में नोएडा निवासी पत्रकार ने दावा किया था कि वह अपनी सफारी कार में थे, जब बिसरख में एक पुलिस बूथ के पास मोटरसाइकिल पर पांच लोगों ने उन्हें रोका था।
अग्रवाल ने दावा किया था कि जब उन्होंने अपनी खिड़की नीचे की तो एक आरोपी ने बंदूक निकाली और उन्हें अपना कीमती सामान सौंपने को कहा। उन्होंने दावा किया कि उन्हें 5,000 रुपये देने के लिए मजबूर किया गया और आरोपी ने उनका गला घोंटने की कोशिश की। उन्होंने दावा किया था कि एक आरोपी ने उनसे फोन लिया और उसे अनलॉक कराया। इसके बाद बदमाशों की नजर प्रेस स्टीकर पर पड़ी और उन्होंने उन्हें पहचान लिया। फिर वे फोन को बैकसीट पर फेंककर चले गए और उन्हें घटना की जानकारी किसी को भी न देने की धमकी देकर बाइक पर सवार होकर फरार हो गए।