देश में कोरोना की दूसरी लहर के मंद पड़ने के बीच ही इसकी तीसरी लहर के आने की आशंका जाहिर की गई है। इस बीच कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट ने चिंताएं और बढ़ा दी है और यह एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसी कारण तीसरी लहर आ सकती है। ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा महाराष्ट्र पर है। कोरोना की तीसरी लहर महाराष्ट्र में 50 लाख लोगों को संक्रमित कर सकती है और इसमें से 10 फीसदी यानी 5 लाख बच्चे हो सकते हैं। इतना ही नहीं तीसरी लहर के दौरान राज्य में एक्टिव केसों की संख्या 8 लाख तक पहुंच सकती है।
शुक्रवार को सीएम उद्धव ठाकरे ने कोरोना संबंधी नए नियमों का ऐलान करने से पहले ही इन आशंकाओं को लेकर एक्सपर्ट्स और टास्कफोर्स से चर्चा की है। महाराष्ट्र के फूड ऐंड ड्रग मिनिस्टर राजेंद्र शिंगणे ने कहा, ‘करी पांच लाख बच्चे संक्रमित हो सकते हैं और इनमें से ढाई लाख बच्चों को सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराना पड़ सकता है। इस हफ्ते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान इसपर चर्चा हुई है।’
महाराष्ट्र पर इतना खतरा क्यों?
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शुक्रवार को बताया कि तीसरी लहर का सबसे ज्यादा खतरा महाराष्ट्र को क्यों है। उन्होंने बताया, ‘जब वायरस शरीर में अपनी कॉपियां बनाता है, तो वह अपने लंबे समय तक जीवित रहने के लिए उसमें कुछ बदलाव लाता है।’ उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की लहरे आना अब चिंता का विषय नहीं है लेकिन हमने अपने लापरवाही भरे व्यवहार से लहरों को गंभीर होने दिया, यह चिंता का विषय है।
महाराष्ट्र के इन जिलों पर खतरा
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर बलराम भार्गव ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र के कुछ जिलों में अभी भी संक्रमण दर 5 फीसदी से ऊपर है, जो कि चिंता का विषय है। इन जिलों में रायगढ़, संगली, सिंधुदुर्ग, सतारा, पुणे, रत्नागिरी, कोल्हापुर, पालघर और उस्मानाबाद शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में फिर से प्रतिबंध लागू करना अच्छा कदम है।
महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट
महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट का पहला मामला अप्रैल के एक नमूने में मिला था, जिससे यह पता लगा कि यह वेरिएंट राज्य में काफी समय से है। हालांकि, अब राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के सबसे ज्यादा मामले हैं और शुक्रवार को इस वेरिएंट से संक्रमित एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत भी हुई है।