शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर न्यास द्वारा जमीन खरीद में कथित वित्तीय गड़बड़ी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को एक प्रस्ताव पास कर इन एजेंसियों द्वारा जमीन मामले की जांच की मांग करनी चाहिए।
प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के मुंबई और नागपुर स्थित परिसरों पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत शुक्रवार को की गई छापेमारी को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई द्वारा अपनी कार्यकारिणी की बैठक में उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और शिवसेना की तरफ से मंत्री अनिल परब के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किए जाने पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा, ”सीबीआई और ईडी आपकी पार्टी के कार्यकर्ता हैं या फिर आपकी आईटी सेल के सदस्य हैं?”
राज्य सभा सदस्य ने आरोप लगाया कि भाजपा ने केंद्रीय जांच एजेंसियों (सीबीआई और ईडी) का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए कर उनका महत्व कम किया है। राउत ने पूछा, ”केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग सही नहीं है। इसे रोकना चाहिए। जांच एजेंसियां अगर राष्ट्रीय सुरक्षा, राष्ट्रीय कोष को नुकसान, मनी लॉन्ड्रिंग आदि के मामलों की जांच करें तो यह समझ में आता है। लेकिन आप इन एजेंसियों की छवि क्यों धूमिल कर रहे हैं?”
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार इस साल अपने दो साल पूरे करेगी। उन्होंने कहा कि यह सरकार अगले 3 साल भी स्थिर रहेगी। उन्होंने कहा, ”सरकार को अस्थिर करने के यह हथकंडे काम नहीं आएंगे।” इस बीच पुणे में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए प्रदेश के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा, ”अनिल देशमुख का मामला अदालत में विचाराधीन है और उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।” एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह हैरान करने वाला है कि ईडी की छापेमारी भाजपा द्वारा अजीत पवार और अनिल परब के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच के मांग वाले प्रस्ताव के एक दिन बाद हुई। उन्होंने कहा, ”यह सिर्फ कोविड-19 पर ध्यान देने का वक्त है। लेकिन भाजपा गलत समय पर गलत चीजें कर रही है।”
नागपुर में, देशमुख के आवास के बाहर धरना देकर ईडी के खिलाफ प्रदर्शन किया। पार्टी की नगर इकाई के अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे के नेतृत्व में राकांपा कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और उसे “निरंकुश” करार दिया। पेठे ने संवाददाताओं से बात करते हुए केंद्र सरकार पर सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग करने और एमवीए सरकार की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया।