कोरोना वायरस मस्तिष्क की कोशिकाओं को भी संक्रमित कर सकता है। इससे मनोवैज्ञानिक और तंत्रिका तंत्र संबंधी दिक्कतों को जन्म देने वाली रासायनिक क्रियाओं को बढ़ावा मिलता है। नीदरलैंड स्थित इरेसमस यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर का हालिया अध्ययन तो कुछ यही बयां करता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक सार्स-कोव-2 वायरस नाक के रास्ते मस्तिष्क में फैल सकता है। हालांकि, मस्तिष्क में प्रवेश करते ही उसका प्रसार धीमा पड़ जाता है, जिससे उसे ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता।
लेकिन, चूंकि इस प्रक्रिया में वायरस प्रतिरोधक तंत्र को अत्यधिक सक्रिय करने वाले साइटोकीन पैदा करता है, इसलिए प्रतिरोधक कोशिकाएं तंत्रिका तंत्र में मौजूदा कोशिकाओं को निशाना बनाकर दिमागी विकारों को जन्म देने लगती हैं। अध्ययन के नतीजे ‘द लांसेट साइकैटरी स्पेशलिस्ट जर्नल’ में प्रकाशित किए गए हैं।