सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। अमेरिकी अखबरा द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खशोगी की हत्या को अंजाम देने वाले सऊदी अरब के गुट के चार सदस्यों को अमेरिका में पैरामिलिटरी ट्रेनिंग मिली थी, जिसे अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपनी मंजूरी भी दी थी। सऊदी की आलोचना करने वाले खशोगी की 2 अक्टूबर, 2018 को हत्या कर दी गई थी।
खशोगी की हत्या उस समय की गई थी जब वह इस्तांबुल में सऊदी के दूतावास में थे। इसके पीछे सऊदी के एजेंटों का हाथ था। न्यूयॉर्क टाइम्स ने कुछ दस्तावेजों के हवाले से यह रिपोर्ट छापी है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हत्या को अंजाम देने वाले 4 लोगों को अमेरिका के प्राइवेट सिक्योरिटी ग्रुप ‘Tier 1 Group’ नाम की कंपनी ने ट्रेनिंग दी थी। ट्रेनिंग के लिए साल 2014 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में मंजूरी दी गई थी और यह ट्रेनिंग पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल शुरू होने से पहले तक चली थी।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने जिन दस्तावेजों का जिक्र किया है वे दस्तावेज Tier 1 ग्रुप की पैरंट कंपनी Cerberus Capital Management के शीर्ष अधिकारी लुई ब्रेमेर की तरफ से ट्रंप प्रशासन को सौंपे गए थे। लुई ब्रेमेर ने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन में एक सीनियर पोस्ट के लिए आवेदन भी किया था।
हालांकि, अपने लिखित बयान में लुई ने माना है कि Tier 1 ग्रुप ने सऊदी एजेंटों को ट्रेनिंग दी थी लेकिन उन्होंने इसपर भी जोर दिया है कि ट्रेनिंग अपने आप में रक्षात्मक थी और इसका उद्देश्य सऊदी नेताओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान करना था। ट्रेनिंग का सऊदी के चार एजेंटों के खूंखार कारनामों से कोई लेना-देना नहीं था।
ब्रेमेर ने बताया कि खशोगी को मारने के लिए बनाई टीम के चार सदस्यों ने साल 2017 में ट्रेनिंग ली थी और उनमें से दो लोगों ने पहले भी अक्टूबर 2014 से जनवरी 2015 तक के बीच हुए कोर्स में हिस्सा लिया था। हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इसको लेकर कोई बयान नहीं दिया है।
इसी साल फरवरी में आई अमेरिकी रिपोर्ट में बताया गया था कि खशोगी को मारने वाली सात सदस्यों की टीम में जो लोग थे वह सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की सुरक्षा टीम का भी हिस्सा हैं। हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ये चार लोग इसी यूनिट का हिस्सा थे या नहीं।
बता दें कि इस्तांबुल में मारे गए जमाल खशोगी का शव आज तक नहीं मिल सका है।