बिहार के दशरथ मांझी ने अकेले हथौड़ा और छेनी की मदद से एक बड़े पहाड़ को काटकर अपने गांव से रास्ता बना दिया था। अब दशरथ की यादों को महाराष्ट्र के वाशिम के रामदास फोफले ने ताजा कर दिया है।
जामखेड़ा गांव में पानी की समस्या से निजात पाने के लिए रामदास ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर सिर्फ 22 दिन में 20 फिट गहरा कुंआ खोद डाला। अब रामदास की कहानी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। रामदास 10वीं फेल हैं, लेकिन उनके इरादे किसी चट्टान से कम नहीं हैं।
रामदास के गांव में आजादी के बाद से पानी की समस्या थी। अब उनके इस प्रयास से न सिर्फ उनके परिवार का, बल्कि आसपास के कुछ घरों की पानी की समस्या समाप्त हो जाएगी। रामदास ने बताया कि पानी के लिए घर के सदस्यों को कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। कुंआ बन जाने से लोगों को राहत मिली है।
लॉकडाउन की वजह से चली गई थी नौकरी
गुजरात के सूरत में एक कपड़ा कंपनी में बतौर ड्राइवर काम करने वाले रामदास ने बताया कि लॉकडाउन के बाद वे मार्च महीने में वापस गांव आ गए थे। वापस आते समय वह सूरत से साड़ियां लाए थे, ताकि उसे बेचकर परिवार के लिए रोटी का बंदोबस्त कर सकें। कुछ दिन साड़ी बेचकर गुजारा चला, लेकिन अब उनके पास कोई काम नहीं है।
घर पर पानी की समस्या थी और रामदास के पास कोई काम नहीं था। उन्होंने पत्नी से चर्चा की और सिर्फ 22 दिनों में फावड़े की मदद से तकरीबन 20 फीट गहरा कुंआ खोद दिया। रामदास का कहना है कि फिलहाल इस कुएं से उनके परिवार की प्यास तो बुझ सकती है, लेकिन पूरे गांव की प्यास बुझाने के लिए उन्हें 40 से 50 फीट गहरा कुंआ खोदना पड़ेगा। कुंआ खोदने का काम उन्होंने 1 मई यानी, अपने जन्मदिन के दिन शुरू किया था।
कुंआ खोदने के दौरान खराब हुई तबियत
रामदास ने बताया कि कुएं को खोदने के दौरान उनकी तबियत खराब हो गई थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अब ठीक होकर वे एक बार फिर से अपने प्रयास में जुट गए हैं। उनका कहना है कि अगले कुछ दिनों में बारिश आने वाली है, इससे कुंआ फुल हो जाएगा।
फिलहाल इससे रामदास और उनके घर के आसपास के लोगों की पानी की समस्या का समाधान हो गया है।
फिलहाल इससे रामदास और उनके घर के आसपास के लोगों की पानी की समस्या का समाधान हो गया है।
कुएं को पक्का करने के लिए लोगों से उधार लिए पैसे
रामदास ने कुएं के अंदर जो कांक्रीट का काम किया है वह लोगों से उधार पैसे लेकर किया है। रामदास के पास न खेती है और न कोई काम, रामदास को 2 बेटे हैं। इस खुदाई में उनके 12 वर्षीय बेटे ने भी उनका साथ दिया है।