उम्मीद ट्रेडिंग के नाम से फर्म बना कर दर्जनों निवेशकों से धोखाधड़ी करने वाले रुखसार अहमद को गाजीपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। चार साल से फरार रुखसार की गिरफ्तारी के लिए 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। चिनहट ओमेगा सिटी निवासी रुखसार अहमद ने भूतनाथ मार्केट में उम्मीद ट्रेडिंग के नाम से एक फर्म खोली थी।जिसमें रुखसार के साथ उसकी पत्नी फिरदौस भी काम करती थी। आरोपी ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रचार किया था।
रुखसार ने कई जिलों में अपने एजेंट भी बनाए थे। जो निवेशकों को एक साल में लगाई गई रकम का 40 प्रतिशत मुनाफा दिलाने का झांसा देकर लाते थे। मुलाकात के दौरान रुखसार और फिरदौस निवेशकों से लुभावने वायदे करते थे। फिर पोस्ट डेटेड चेक और एग्रीमेंट कर विश्वास हासिल करने के लिए निवेश की गई रकम पर कुछ महीनों तक मुनाफा भी दिया जाता था। इंस्पेक्टर प्रशांत मिश्र के मुताबिक गाजीपुर में ही जालसाज दंपति के खिलाफ 27 मुकदमे दर्ज हैं। वर्ष 2017 में पुलिस ने फिरदौस को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। रुखसार अहमद पत्नी के गिरफ्तार होते ही फरार हो गया था। आरोपी की तलाश में कई बार उसके ठिकानों पर दबिश दी गई थी। सफलता नहीं मिलने पर बीस हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
शेयर में निवेश कराने का देते थे झांसा
ट्रेडिंग कम्पनी के जरिए शेयर में निवेश किए जाने का दावा आरोपी दंपति करता था।रुखसार और उसकी पत्नी के अलावा गिरोह में धर्मेंद्र और अकाउंटेट अभय सक्सेना भी शामिल थे।इंस्पेक्टर के मुताबिक गिरोह के सदस्य मुनाफे के रुपये मांगने पर निवेशकों के साथ मारपीट भी करते थे। कई निवेशकों ने रुखसार और फिरदौस के साथ रिटायर महिला इंस्पेक्टर के भी शामिल होने का आरोप लगाया था।
इनसे हड़पे थे रुपये
1- अयोध्या मिल्कीपुर निवासी सुरेंद्र कुमार सेना के रिटायर अधिकारी हैं। उन्हें गिरिजा शंकर दुबे ने उम्मीद ट्रेडिंग के बारे में बताया था।जिसके बाद सुरेंद्र लखनऊ आए थे।शालीमार एलडी प्लाजा स्थित कम्पनी के दफ्तार पहुंचने पर रुखसार से मुलाकात हुई थी।आरोपियों के झांसे में फंस कर सुरेंद्र ने 71 लाख रुपये लगाए थे।
2- हरदोई सरफराजगंज निवासी रियाज अली व्यापारी हैं।रुखसार के झांसे में फंस कर उन्होंने भी उम्मीद ट्रेडिंग में 87 लाख रुपये लगाए थे।