विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शनिवार को घोषणा की कि गिनी में इबोला वायरस का दूसरी लहर आधिकारिक रूप से समाप्त हो गई है। इस बीमारी का प्रकोप पश्चिम अफ्रीकी राज्य में इस साल 14 फरवरी को शुरू हुआ था। गिनी में सबसे पहले यह वायरस 2013-2016 में फैला था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस वायरस से अब तक पश्चिमी अफ्रीका में कई 10 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, बीमारी के प्रकोप के अंत के बारे में बताए हुए डब्ल्यूएचओ के अधिकारी अल्फ्रेड की-जेरबो ने शनिवार को कहा, मुझे इबोला के अंत की घोषणा करने का सम्मान है। जेरबो दक्षिणपूर्वी न्ज़ेरेकोरे क्षेत्र में एक समारोह को संबोधित कर रहे थे, जहां यह बीमारी जनवरी के अंत में सामने आई थी।
लक्षण का सामने आने में लगता है 3 सप्ताह का समय
शरीर में इसके लक्षण को सामने आऩे में कम से कम तीन सप्ताह तक का समय लग जाता है। यह रोग पसीने और लार से फैलता है। संक्रमित खून और मल के सीधे संपर्क में आने से भी यह फैलता है और जो लोग रोगियों के साथ रहते हैं या उनकी देखभाल करते हैं, वे सबसे अधिक जोखिम में हैं।11,300 लोगों की मौत
गिनी के स्वास्थ्य मंत्री रेमी लामाह ने शनिवार को कहा कि देश इस सप्ताह के अंत में पश्चिम अफ्रीकी राज्य में इबोला महामारी की समाप्ति की घोषणा करने के लिए तैयार है। 2013-2016 में अपनी पहली घातक लहर में, इबोला के प्रकोप ने पश्चिम अफ्रीका के गिनी, लाइबेरिया और सिएरा लियोन में 11,300 लोगों की जान ले ली।
14 फरवरी को हुई थी पुष्टि
लामाह ने गुरुवार को कहा था कि वायरल महामारी की घोषणा की शनिवार को की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री डब्ल्यूएचओ द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। इस साल 14 फरवरी को गिनी में आधिकारिक तौर पर लहर की पुष्टि की गई थी। इबोला के लक्षण की बात करे तो इसमें उल्टी-दस्त, बुखार, सिरदर्द, रक्तस्त्राव, आंखे लाल होना और गले में कफ की शिकायत होती है।