परछाइयां ढूंढती हूं
पुराने देवदार के तले
जहां मिले थे कभी
अब खामोशी व्याप्त है
देवदार के नजदीक
पहुंच कर मेरी परछाई गुम हो गई
रह गए तेरी यादों के निशान
देवदार के हृदय पर अंकित
छुआ तो दिल धड़क उठा
दूर घाटी में फिर शोला उठा
और एक परछाई गुम हो गई
वो भी किसी का अज़ीज़ होगा
किसी का महबूब होगा
परछाइयां ढूंढती हूं
पुराने देवदार के तले