केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा शहर के बड़े कारोबारी उमेश शाहरा समेत उसके सहयोगियों पर 188.35 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले में केस दर्ज होने के बाद इंदौर, मुंबई व बैंगलुरु में छापामार कार्रवाई के बाद नई परतें खुल रही हैं। पता चला है, कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने एक ही पते पर कई कंपनियां रजिस्टर्ड कर करोड़ों का लेन-देन किया है।
चार साल पहले एक साल की अवधि में किए गए फर्जीवाड़े के सूत्र 2019 में ही मिल गए थे, जिनके आधार पर बैंक ऑफ बड़ौदा ने 2020 तक गहरी छानबीन की। फिर इसी कड़ी में इसमें पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक समेत दो अन्य बैंकों में भी कंपनी के कर्ताधर्ताओं के फर्जीवाड़े सामने आए।
जांच के तहत कंपनी द्वारा खरीद-फरोख्त में बड़े लेन-देन सामने आए। खास बात यह है कि जिन कंपनियों से लेन-देन बताया गया है, उसमें अधिकांश रुचि ग्लोबल लिमिटेड के मुंबई के रजिस्टर्ड पते पर हैं। इन कंपनियों के जो कर्ताधर्ता हैं, वे भी शाहरा के नजदीकी और डमी डायरेक्टर हैं। बैंक सूत्रों के मुताबिक रुचि ग्लोबल लिमिटेड पर करीब 300 करोड़ रु. बकाया था, जिसमें से बैंकों की ओर से 100 करोड़ की रिकवरी की गई। फिर 2019-20 में भी कुछ हुई। इस तरह बैंकों का अभी 188.35 करोड़ से ज्यादा बाकी है।
बताया जाता है, जांच में तेजी जून 2021 के पहले पखवाड़े में आई। बैंक ऑफ बड़ौदा (निपानिया, स्कीम 134) के अधिकारी भोपाल में ही थे। फिर 14 जून को केस रजिस्टर्ड किया। मामले में कंपनी के मुंबई व बेंगलुरु ठिकानों पर भी छापामार कार्रवाई हुई है।
सात सिस्टर कंपनियों के साथ लेनदेन में गड़बड़ी कर कर्ज देने वाले बैंकों को नुकसान पहुंचाया
CBI की ओर से मिली जानकारी के अनुसार बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर ऋण देने वाली बैंकों की संघ की ओर से कंपनी के मुंबई स्थित कार्यालय और इंदौर स्थित कॉर्पोरेट दफ्तर के अलावा उनके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। बैंक धोखाधड़ी के ये आरोप 1 जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2017 की अवधि के दौरान के हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने डायवर्शन, लेनदेन, कंसोर्टियम बैंक खातों में बिक्री की आय रिटर्न न करने और सात सिस्टर कंपनियों के साथ लेनदेन में गड़बड़ी कर उधार देने वाले बैंकों को नुकसान पहुंचाया। इसमें पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक सहित दो अन्य बैंकों के साथ गबन किया। बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर CBI ने मामले की जांच के बाद केस दर्ज किया था।