अदालत ने दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य और जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल, देवांगना कालिता और जामिया विश्विविद्यालय के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को जेल से तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने आरोपियों को रिहा करने के लिए रिलीज वारंट ईमेल के जरिये जेल को भेज दिया गया है।
अदालत ने बुधवार को सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उच्च न्यायालय ने मंगलवार के नताशा, देवांगना और आसिफ को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने तीनों आरोपियों को 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलका और उतने की रकम की दो जमानती जमा करने की शर्त पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया था।
कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रविंदर बेदी ने गुरुवार को आरोपियों का जेल से रिहा करने का आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने जमानत मिलने के बाद नताश और देवांगना ने मंगलवार को अदालत में अर्जी दाखिल कर जेल से जल्द रिहा किए जाने की मांग की थी। दिल्ली पुलिस ने अदालत से आरोपी देवांगना कालिता और आसिफ इकबाल तन्हा के घर का पता और जमानतदारों के सत्यापन के लिए 22 जून तक का वक्त देने की मांग की थी, जबकि आरोपी नताश नरवाल के घर का पता का सत्यापन के लिए 19 जून तक का समय देने की मांग की थी।
दिल्ली पुलिस की ओर से जांच अधिकारी ने बुधवार को अदालत को बताया कि आरोपियों द्वारा बताए गए पता और जमानती का सत्यापन कुछ दिन का वक्त लगेगा। उन्होंने अदालत से आरोपी देवांगना और आसिफ के घर के पता का सत्यापन के लिए 21 जून तक का वक्त मांगा है, जबकि नताशा के घर के पता के सत्यापन के लिए 19 जून तक का वक्त मांगा था। पुलिस ने अदालत से कहा कि आरोपियों के घर दिल्ली से बाहर है और उच्च न्यायालय ने आदेश पर उनको जेल से रिहा करने के लिए उनके घर के पता का सत्यापन जरूरी है। पुलिस ने कहा है कि समय के अभाव में आरोपियों के स्थाई घर के पता का सत्यापन नहीं किया जा सकता। आसिफ इकबाल तन्हा मूल रूप से झारखंड का है जबकि देवांगना असम की रहने वाली है। नताश नरवाल हरियाणा के रोहतक जिला की हैं।
पुलिस ने अदालत को बताया कि आसिफ और देवांगना के घर के पता का सत्यापन 21 जून तक पूरा हो जाएगा और 22 जून को इस बारे में रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी। जबकि नताशा नरवाल के घर के पते का सत्यापन 18 जून तक हो जाएगा और 19 जून तक रिपोर्ट दाखिल कर दी जाएगी। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता अदित एस. पुजारी ने उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने का हवाला देते हुए अदालत से अपने मुवक्किलों को जेल से जल्द रिहा करने का आदेश देने की मांग की।
यूआईडीएआई से होगा जमानतदारों के आधार कार्ड का सत्यापन: पुलिस
इसके अलावा पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपियों के जमानतदारों का आधार कार्ड के सत्यापन के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को निर्देश देने की मांग की। पुलिस ने कहा है कि जमानतदारों के सत्यापन के लिए फोन नंबर पर्याप्त नहीं हैं, ऐसे में फिजिकल सत्यापन जरूरी है। पुलिस ने कहा था कि जमानतदारों का डिटेल के बारे में उनके सेवा प्रदाता दूरसंचार कंपनी से भी जानकारी ली गई है।