बाहरी राज्य से आने वाले लोगों के लिए उत्तराखंड और यूपी बॉर्डर पर सख्ती अभी भी बरकरार है। मझोला बॉर्डर पर बगैर आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट, सिटी पोर्टल में पंजीकरण के बगैर राज्य में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। जिनके पास आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं होती उनका मौके पर रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है। बॉर्डर से केवल पूर्णागिरी माता के दर्शन को आने वाले लोगों व नेगेटिव रिपोर्ट नहीं लेने वालों को को वापस लौटाया जा रहा है। मझोला बॉर्डर से रोज 1200 यात्रि प्रवेश करते हैं। इनमें राज्य के स्थाई निवासियों के अलावा रोजगार की तलाश में पहाड़ों व मैदानी इलाकों में जाने वाले लोग अधिक हैं।
कोरोना के मामले घटने के बाद कामगार खासी संख्या में रोज उत्तराखंड आ रहे हैं। बॉर्डर पर उत्तराखंड पुलिस के जवानों के अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम, डाटा इंट्री के लिए शिक्षा विभाग के कर्मचारी हर समय मौजूद रहते हैं। राज्य में प्रवेश करने वाले नागरिकों से आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट मांगी जाती है। रिपोर्ट ना होने पर रैपिड एंटीजन टेस्ट किया जाता है। रोज लगभग 150 लोगों के रैपिड टेस्ट यहां होते हैं। सत्रहमील चौकी प्रभारी जगत सिंह शाही ने बताया कि प्रतिदिन 150 से 200 तक लोग सीमा पर वापस लौटाए जाते हैं। जिनमें पूर्णागिरी जाने वाले यात्रि भी शामिल होते हैं। अब तक लगभग 1350 लोग छह जून के बाद वास लौटा गए हैं।