कांग्रेस नेता जतिन प्रसाद के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने के बाद राजस्थान में सचिन पायलट की नाराजगी को लेकर अटकलें चल रही हैं। हालांकि, इस बीच सचिन पायलट ने पिता की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को दौसा जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। बताया जा रहा है कि तेल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन में वह शामिल होंगे। पिछले साल जुलाई में पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें मना लिया था, लेकिन बताया जा रहा है कि उस समय किए गए वादे पूरे नहीं होने की वजह से पायलट खेमा फिर नाराज है।
कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने बताया कि सचिन पायलट पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं होने जा रहे हैं। सोलंकी ने कहा कि वह सचिन पायलट को आमंत्रित करने के लिए गए थे। राजेश पायलट ने 1984 से 1999 तक दौसा की प्रतिनिधित्व किया था। सोलंकी ने एएनआई से कहा, ”कल के कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए मैंने उनसे मुलाकात की थी। हालांकि, सचिन पायलट ने कहा कि वह दौसा नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से उन्होंने कार्यक्रम में नहीं शामिल होने का फैसला किया है।”
राजस्थान से और
यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हो रहा है जब एक दिन पहले ही राहुल गांधी के करीबियों में शामिल रहे जतिन प्रसाद ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। इससे पहले राहुल की टीम के बड़े चेहरे ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मार्च 2020 में बीजेपी में शामिल हो गए थे। पिछले साल ही सचिन पायलट का भी बीजेपी में शामिल होना तय माना जा रहा था, लेकिन ऐन वक्त पर राहुल और प्रियंका गांधी ने उन्हें मना लिया था। जतिन प्रसाद के पाला बदलने के बाद एक बार फिर सबकी निगाहें पायलट पर हैं।
हालांकि, कांग्रेस नेता और राजस्थान के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर प्रताप सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुरुवार को कहा कि पार्टी की राज्य ईकाई में सबकुछ ठीक चल रहा है। हालांकि, उन्होंने यह बी कहा कि जो भी मतभेद हैं, उन्हें पार्टी के भीतर सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा, ”पायलट साहब ने किसी मांग को लेकर कोई बात नहीं कही है। मीडिया बेवजह अटकलें लगा रहा है। पार्टी में सबकुछ ठीक है।” अटकलें यह भी है कि पायलट खेमे की नाराजगी को दूर करने के लिए अशोक गहलोत कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं।