पश्चिम की ओर से आने वाली हवाओं ने दिल्ली वालों के पसीने छुड़ा दिए हैं। बुधवार के दिन राजधानी का पारा 42 डिग्री के पार पहुंच गया। इससे दोपहर को लू के थपेड़ों जैसा अहसास हुआ। जबकि, पीतमपुरा स्थित निगरानी केंद्र में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
राजधानी दिल्ली में इस बार मौसम का रुख अलग किस्म का रहा है। पहले तो फरवरी, मार्च और अप्रैल के महीने में सामान्य से ज्यादा गर्मी रिकॉर्ड की गई। जबकि, मई का महीना सामान्य से कम गरम रहा। जून के पहले सप्ताह में भी गर्मी का मिजाज नरम रहा। लेकिन, अब मौसम ने अपने असली रंग दिखाने शुरू किए हैं।
दिल्ली के ज्यादातर हिस्सों में बुधवार के दिन सुबह से ही तेज और चमकीला सूरज निकला रहा। दिन चढ़ने के साथ ही धूप तीखी और तेज हो गई। आसमान साफ होने के चलते धूप सीधी पड़ रही है। जबकि, इस समय राजस्थान-हरियाणा की ओर से पश्चिमी हवाएं आ रही हैं। यह हवा अपने साथ वहां की गर्मी भी ला रही है। जबकि, हवा की रफ्तार भी दिन में 25 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रही।
दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र में दिन का अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जोकि सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा है। इस सीजन में इससे पहले 42.2 डिग्री सेल्सियस तापमान 29 अप्रैल को गया था। इस प्रकार आज का दिन इस सीजन का दूसरा सबसे गर्म दिन रहा है।
इस साल की सबसे गर्म सुबह
अभी तक सुबह के समय तापमान आमतौर पर सुहाना रहता रहा है। लेकिन, बुधवार की सुबह इस साल की सबसे गरम सुबह रही। दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र में न्यूनतम तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जोकि सामान्य से चार डिग्री ज्यादा है।
पीतमपुरा ने झेली सबसे ज्यादा गर्मी
बुधवार के दिन पीतमपुरा के लोगों ने सबसे ज्यादा गर्मी झेली। यहां पर अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा, स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में 43.9, पूसा में 43.7 और मुंगेशपुर में 43.7 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया।
दो दिन बाद शुरू होगी बूंदाबांदी
मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली वालों को ज्यादा समय तक गर्मी नहीं झेलनी पड़ेगी। क्योंकि, बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम हवा के दबाव क्षेत्र की वजह से हवा की दिशा पूर्व की तरफ से होने वाली है। यह हवा अपने साथ नमी लेकर आएगी। इसके चलते 12, 13 और 14 तारीख को दिल्ली व आसपास के इलाके में हल्की व मध्यम स्तर की बरसात हो सकती है। इसके चलते तापमान में खासी गिरावट होगी। यहां तक कि अधिकतम तापमान 34 डिग्री तक भी पहुंच सकता है।