जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़ने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि जाने वाले जाते हैं, हम उन्हें रोक नहीं सकते। खड़गे ने कहा कि यह उनका (जितिन) का फैसला था, उनका यहां (कांग्रेस पार्टी) भविष्य भी था। हालांकि, उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
वहीं, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, जिन्होंने मार्च-अप्रैल बंगाल चुनावों के दौरान जितिन प्रसाद के साथ मिलकर काम किया, ने कहा कि वह जितिन को एक अच्छे इंसान के रूप में जानते हैं। वह हमारी पार्टी के लिए एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरा थे। वह हरियाली के लिए भाजपा में शामिल हुए होंगे।
अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले केंद्र और राज्य की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। जितिन प्रसाद ने आज केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके बाद उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की।
जितिन का जाना कांग्रेस के लिए झटका: कुलदीप बिश्नोई
जितिन प्रसाद के पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने कहा है कि यह पार्टी के लिए बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि कहा कि उनकी पार्टी को राज्यों में जीत हासिल करने के लिए जन नेताओं की पहचान कर उन्हें मजबूती प्रदान करनी चाहिए। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई ने ट्वीट किया, ”पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और अब जितिन प्रसाद। कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि हम उन नेताओं को खो रहे हैं जिन्होंने पार्टी को को काफी कुछ दिया और आगे भी दे सकते थे।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा, ”इससे मैं सहमत हूं कि उन्हें कांग्रेस को, खासकर इस मुश्किल समय में नहीं छोड़ना चाहिए था। परंतु कांग्रेस को जन नेताओं की पहचान करके उन्हें मजबूत करना चाहिए ताकि राज्यों में फिर से जीत हासिल की जा सके।”
जितिन प्रसाद की बीजेपी में एंट्री के साथ ही कांग्रेस से उनके परिवार के रिश्तों का इतिहास एक बार फिर दोहराया गया है। जितिन के पिता जितेंद्र प्रसाद वर्ष 2000 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में बगावत करते हुए सोनिया गांधी के खिलाफ उतरे थे। अब 21 साल बाद उनके बेटे ने कांग्रेस को करारा झटका दिया है।