हालात इंसान को कहां से कहां पहुंचा देते हैं। इसका ताजा मामला सुशील पहलवान का देखने को मिल रहा है। जेल की सलाखों में पहुंचने के जहां एक तरफ उसे मनमर्जी का खाना-पीना नहीं मिल रहा है तो दूसरी तरफ उसने शरीरिक व्यायाम करने के लिए बिसलेरी की बड़ी बोतलों में पानी भरकर उसके डंबल बना लिए हैं।
जेल सूत्रों का कहना है कि सुशील ने एक डंडे को रॉड का रूप देकर उसके दोनों किनारों पर बोतले बांधी हुई हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि डाईट को लेकर अदालत ने जेल प्रशासन जवाब मांगा था, उसका जवाब दे दिया गया है। अदालत जैसा आदेश जारी करेगी उस पर अमल किया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि सुशील पहलवान क्वारंटाइन सेल में एक-एक दिन मुश्किल से काट रहा है। वह कई बार अपनी सेल के बाहर सुरक्षा में लगे वार्डर से पूछ चुका है कि आमने-सामने की मुलाकात कब शुरू होगी ताकि उसे मिलने के लिए लोग आ सकें। वार्डर ने इस बात की जानकारी अपने उप-अधीक्षक को दी।
बताया गया कि सुशील से फोन पर ही अपने परिजनों से बात करने की इजाजत दी गई है। वह दिन में भी गुमसुम रहता है। सूत्रों का कहना है कि सुशील पहलवान ने एक वार्डर से बिसलरी की खाली बोतलों में पानी भर कर मंगवाया था और उनको एक छोटे डंडे से बांध कर डंबल बना लिए और इन्हें वह शरीरिक व्यायाम के लिए इस्तेमाल कर रहा है।
व्यायाम करने के बाद वह कैंटीन से दूध मंगवाता है। फिलहाल उसके अधिवक्ता की तरफ से अदालत में खाने-पीने को लेकर एक अर्जी दाखिल की गई थी उसका जवाब जेल अधिकारियों ने अदालत को सौंप दिया है। सागर धनखंड हत्याकांड में इन दिनों सुशील पहलवान मंडोली जेल नंबर 15 की सेल में क्वारंटाइन है। उसकी क्वारंटाइन अवधि खत्म होने के बाद उसे सुरक्षा की दृष्टि से तिहाड़ के हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा जाएगा।