कोविड-19 की दूसरी लहर का कहर अब थम गया है और अब हालात भी तेजी से सुधर रहे हैं। दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले के 14 कोविड अस्पतालों में वर्तमान में एक भी कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती नहीं है। इस कारण अस्पताल प्रबंधन ने प्रशासन से इन अस्पतालों को नॉन कोविड अस्पतालों में बदलने की मांग की है। वहीं, राजेंद्र नगर और मोदीनगर ईएसआई अस्पताल में बीते तीन दिन से कोई मरीज भर्ती नहीं हुआ। ऐसे में प्रबंधन ने शासन से इन्हें नॉन कोविड अस्पताल घोषित करने की मांग की है।
दूसरी लहर की शुरुआत में संजयनगर स्थित 100 बेड के संयुक्त अस्पताल को कोविड लेवल-2 में तब्दील कर दिया गया था, लेकिन दूसरी लहर ने अप्रैल 2021 से रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी। 30 अप्रैल तक जिले में एक्टिव केसों की संख्या 6,645 पर पहुंच गई। प्रतिदिन 150 से अधिक संक्रमित मरीज सामने आ रहे थे। इनके इलाज के लिए सरकारी स्तर पर कोविड लेवल-2 के अस्पतालों की संख्या बढ़ाकर चार कर दी गई, जिला संयुक्त अस्पताल के साथ साहिबाबाद स्थित ईएसआई, रामा मेडिकल कॉलेज और मोदीनगर ईएसआई को भी शामिल किया गया। इसके अलावा करीब 50 प्राइवेट अस्तपतालों को भी इलाज की अनुमति दी गई।
मई के दूसरे सप्ताह से कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई। वहीं एक्टिव केस भी कम होने लगे, जिससे अब कई अस्पतालों में मरीज ही नहीं हैं। ऐसे में अब अस्पताल प्रभारी प्रशासन के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं, जिससे नॉन कोविड मरीजों का इलाज किया जा सके।
ईएसआई साहिबाबाद अस्पताल के नोडल अधिकारी डॉ. अनिल कुश ने बताया कि उनके यहां बीते तीन दिन से कोई मरीज भर्ती नहीं है, जिसके बाद प्रशासन व सीएमओ से नॉन कोविड में तब्दील में बदलने की मांग की गई है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मरीजों की संख्या में गिरावट आई है, लेकिन अभी कोविड से अस्पतालों को नॉन कोविड करना जल्दबाजी हो सकता है। हालांकि अभी इस पर विचार किया जा रहा है।
ईएसआईसी समेत 12 से अधिक अस्पताल खाली
वर्तमान में 58 अस्पताल कोविड मरीजों के इलाज में जुटे हैं। इसमें सरकारी स्तर के 8 अस्पताल शामिल हैं। राजेंद्र नगर और मोदीनगर स्थित ईएसआईसी अस्पताल में बीते तीन दिन से कोविड का कोई मरीज भर्ती नहीं हुआ है। वहीं जिले के करीब 12 निजी अस्पतालों में भी कोई मरीज भर्ती नहीं है। निजी अस्पताल भी जल्द ही नॉन कोविड किए जाने की मांग कर रहे हैं।