वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने के लिए टीम इंडिया इंग्लैंड रवाना हो चुकी है। विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम को 18 से 22 जून तक साउथैम्पटन में डब्ल्यूटीसी का फाइनल मैच खेलना है। इसके बाद टीम इंडिया 4 अगस्त से इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलेगी। भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत आगरकर का मानना है कि इंग्लैंड की कंडिशंस से तालमेल बैठाने में गेंदबाजों के मुकाबले बल्लेबाजों को ज्यादा मुश्किल होगी।
स्टार स्पोर्ट्स के शो पर बात करते हुए अजीत आगरकर ने कहा, ‘मैं थोड़ा बहुत बायस्ड हो सकता हूं और कह सकता हूं कि यह गेंदबाजों के लिए मुश्किल होगा। लेकिन, असल में मुझे लगता है कि बल्लेबाजों को परिस्थितियों से तालमेल बैठाने में ज्यादा परेशानी होगी क्योंकि आपके पास महज एक ही मौका होगा। गेंदबाजों को गेम में वापस आना का मौका मिलेगा। आपका एक स्पैल अच्छा नहीं गया तो दूसरे में आपके पास बेहतर लय हासिल करने का मौका होगा। जितना ज्यादा आप गेंदबाजी करेंगे उतना ही आपकी लय में सुधार होगा। आप कंडिशंस को उतने ही अच्छे तरीके से समझ पाएंगे, लाइन और लेंथ गेंदबाजी करने के लिए, आप जान पाएंगे कि गेंद स्विंग कर रही है या सीम और आपको इसके हिसाब से एडजस्ट होने का मौका मिलेगा।’
आगरकर ने हाल ही में कहा था कि भारत की टीम न्यूजीलैंड को हल्के में लेने की भूल बिलकुल नहीं करेगा। उन्होंने कहा था, ‘मुझे उम्मीद नहीं है। मुझे नहीं लगता कि टीम इंडिया उनको (कीवी टीम) को कम आंकने के लिए गिल्टी फील करेगी। मेरे हिसाब से न्यूजीलैंड से अंडरडॉग का टैग हट चुका है। आप हर आईसीसी टूर्नामेंट को उठाकर देख लीजिए, चलिए यह टेस्ट चैंपियनशिप पहली बार हो रही है- हर आईसीसी टूर्नामेंट, चाहें वह टी-20 विश्व कप हो, चैंपियंस ट्रॉफी हो, वर्ल्ड कप हो वह हमेशा ही अच्छा खेलते हैं। वह अगर फाइनल में नहीं पहुंचते हैं तो कम से कम सेमीफाइनल या क्वॉर्टरफाइनल में अपनी जगह जरूर बनाते हैं और यह उनकी निरंतरता का सबूत है। तो आप उनको अंडरडॉग नहीं कह सकते हैं। हां, वह हैं, शायद दूसरी टीमों में कुछ बड़े नाम हैं और इसी वजह से आप उनको फेवरेट के तौर पर देख रहे हैं। तो मुझे नहीं लगता है कि भारत उनको कम आंकने की भूल करेगा।’