जन अधिकार पार्टी (जाप) के प्रमुख और पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की जमानत याचिका पर मंगलवार को जिला जज की अदालत में ऑनलाइन सुनवाई की गई। जमानत को लेकर फैसला अभी सुरक्षित रखा गया है। अपहरण के 32 साल पुराने मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
11 मई को किया गया था गिरफ्तार
पप्पू यादव फिलहाल इलाज के लिए दरभंगा के डीएमसीएच में भर्ती हैं। पिछले महीने 11 मई को उन्हें पटना से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस पटना के उत्तरी मंदिरी स्थित पप्पू यादव के आवास पर पहुंची थी। उन्हें 32 साल पुराने किडनैपिंग और हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
इससे पहले पुलिस ने जाप प्रमुख पर बगैर अनुमति घूमने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। पूर्व सासंद को मधेपुरा में 1989 में हुए अपहरण के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। मधेपुरा पुलिस एक डीएसपी के नेतृत्च में पटना पहुंची थी।
पप्पू यादव की रिहाई को जाप ने निकाला मौन मार्च
पप्पू यादव की अविलंब रिहाई के लिए सोमवार को जाप कार्यकर्ताओं ने मौन मार्च निकाला। मार्च स्थानीय विद्यापति भवन से शुरू होकर इनकम टैक्स चौराहा के जय प्रकाश नारायण की मूर्ति तक गया। इस दौरान जाप नेता हाथों में रिहाई की मांग वाली तख्तियां लिए हुए थे और मुंह पर काली पट्टी बांध रखी थी।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह कुशवाहा ने कहा कि पप्पू यादव की रिहाई नहीं हुई तो 5 जून को सम्पूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर एक दिवसीय ‘सम्पूर्ण उपवास’ रखा जाएगा। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचंद सिंह ने कहा कि राज्य सरकार हमलोगों के सब्र का इम्तिहान न लें। हमारा धैर्य अब जवाब दे रहा है। हमारे साथी उग्र हुए तो इसकी पूरी जवाबदेही राज्य सरकार की होगी।