पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अंदरुनी कलह को समाप्त करने में जुटी है। इसी सिलसिले में मंगलवार को पंजाब के विधायक और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू दिल्ली पहुंचे और सोनिया गांधी की ओर से बनाए गए पैनल से मुलाकात की। तीन सदस्यीय पैनल से मुलाकात के बाद नवजोत सिद्धू ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैं यहां जमीनी कार्यकर्ताओं की आवाज को हाईकमान तक पहुंचाने के लिए आया था। लोकतांत्रिक सरकार का मेरा स्टैंड कायम रहेगा। जनता की ताकत को उसे वापस लौटाना ही चाहिए। मैं स्पष्ट रूप से सत्य बात कही है।’ नवजोत सिंह सिद्धू की खड़गे के नेतृत्व वाले पैनल से करीब दो घंटे तक मुलाकात चली।
सिद्धू ने कहा कि कहा कि मेरी राय अब भी वही है। मैंने सत्य से अवगत करा दिया है और उसकी ही जीत होगी। पैनल ने सोमवार को भी पंजाब के कई लोगों से मुलाकात की थी। इनमें प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी शामिल थे। अब तक पैनल की ओर से पंजाब के कुल 26 नेताओं से मुलाकात की जा चुकी है। इन नेताओं में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के कई विधायक और मंत्री भी शामिल थे। कहा जा रहा है कि इन लोगों ने शिकायत की है कि एक गुट ही सरकार चला रहा है। इसके अलावा चुने हुए प्रतिनिधियों की बजाय नौकरशाही को ज्यादा ताकत दी गई है।
यही नहीं कैप्टन के विरोधी खेमे के कई नेताओं ने आरोप लगाया है कि सीएम अपनी ही पार्टी के नेताओं से दूर हो गए हैं और उनसे मुलाकात करना भी मुश्किल होता है। इसके अलावा दलित नेताओं ने अपने समुदाय के कमजोर प्रतिनिधित्व का सवाल भी उठाया। कई विधायकों कोटकापुरा पुलिस फायरिंग में मारे गए लोगों के लिए जल्द न्याय की भी मांग की है।
बुधवार को कुछ और नेताओं से मिलेगा खड़गे का पैनल
सूत्रों का कहना है कि बुधवार को भी पैनल पंजाब के नेताओं से बात करेगा। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच रार कई बार खुलकर देखने को मिली है। ऐसे में पार्टी को इस बात का डर है कि आने वाले चुनावों में यह अंतर्कलह भारी पड़ सकती है। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक पैनल तैयार किया है, जो पंजाब के तमाम नेताओं से बात कर हल निकालने का प्रयास करेगा।