नए आईटी नियम को पालन नहीं किए जाने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार और सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर को नोटिस जवाब मांगा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि यदि नए प्रौद्योगिकी नियमों पर रोक नहीं लगाई जाती है तो ट्विटर को उसका (नियमों) पालन करना होगा। कोर्ट ने यह आदेश उस याचिका पर दिया है जिसमें ट्विटर को केंद्र सरकार द्वारा जारी नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश देने की मांग की है।
जस्टिस रेखा पल्ली ने सरकार और ट्विटर को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई छह जुलाई तक जवाब देने को कहा है। हालांकि ट्विटर ने कोर्ट को बताया कि उसने नियमों का पालन किया है और किसी भी ट्वीट से संबंधित शिकायत के निवारण के लिए स्थानीय शिकायत अधिकारी नियुक्त किया है। लेकिन केंद्र सरकार ने ट्विटर के इस दवे पर आपत्ति जताया और नियमों के पालन की पुष्टि नहीं की। इस पर कोर्ट ने कहा कि ‘यदि नए नियमों पर रोक नहीं लगाई गई है तो उन्हें (ट्विटर) को इसका (नियमों) पालन करना होगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता अमित आचार्य की ओर से अधिवक्ता आकाश बाजपेयी द्वारा दाखिल याचिका पर विचार करते हुए दिया है।
याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने इसी साल 25 फरवरी को नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को जारी करते हुए ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया नेटवर्कों को 3 माह के भीतर इस पर अमल करने का निर्देश दिया था। याचिका में कहा गया है कि 25 मई को समय सीमा समाप्त होने के बाद भी ट्विटर ने अब तक नए नियमों को लागू नहीं किया है और न ही इसके तहत अपने प्लेटफॉर्म पर ट्वीट के बारे में शिकायतों के निवरण के लिए स्थानीय शिकायत अधिकारी की नियुक्ति किया है।
सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थों और डिजिटल मीडिया आचार संहिता के लिए दिशानिर्देश) नियम, 2021 को केंद्र सरकार ने 25 फरवरी, 2021 को अधिसूचित किया था। इसके तहत सोशल मीडिया नेटवर्कों को इस बात का पता लगाना होगा कि कोई मैसेज सबसे पहले किसने भेजा। इसके साथ ही किसी पोस्ट, मैसेज के बारे में शिकायतों का निवारण के लिए स्थानीय शिकायत अधिकारी नियुक्त करने को कहा है।
याचिकाकर्ता आचार्य ने कोर्ट को बताया कि उन्हें कथित ट्विटर द्वारा नए नियमों का पालन नहीं करने के बारे में तब पता चला जब, उन्होंने कुछ ट्वीट्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का प्रयास किया। उन्होंने कोर्ट ने ट्विटर को बिना किसी देरी के एक स्थानीय शिकायत अधिकारी नियुक्त करने का आदेश देने की मांग की है। साथ ही केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश देने की मांग की गई है कि ट्विटर द्वारा नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पालन किया जाए।