युद्धग्रस्त सीरिया में एक बार फिर से राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता मिल गई है। गुरुवार को अधिकारियों ने कहा कि सीरिया में बशर अल-असद को चौथी बार राष्ट्रपति चुन लिया गया है। इसी 26 मई को हुए चुनाव के अधिकारिक परिणामों में बशर अल-असद को करीब एक करोड़ 42 लाख वोट मिले। इस लैंडस्लाइड जीत के बाद से युद्धग्रस्त सीरिया में बशर अल-असद के एक बार फिर से अगले सात साल तक के लिए राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो गया है। इस बीच पश्चिम देशों ने सीरिया के चुनाव को खारिज कर दिया है और कहा कि यह न तो स्वतंत्र तरीके से हुआ है और न ही निष्पक्ष है।
हाालांकि, चुनाव में असद की जीत को लेकर कोई संदेह में नहीं था, क्योंकि करीब 18 मिलियन लोग वोट देने के योग्य थे। मगर 10 साल पुराने संघर्ष से तबाह हुए देश में विद्रोहियों या कुर्द नेतृत्व वाले सैनिकों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में मतदान नहीं हुआ। कम से कम 8 मिलियन लोगो, जिनमें ज्यादातर विस्थापित हैं, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व सीरिया के उन क्षेत्रों में रहते हैं। 5 मिलियन से अधिक शरणार्थी, जो ज्यादातर पड़ोसी देशों में रह रहे हैं- ने बड़े पैमाने पर अपना मत डालने से परहेज किया है।
बता दे कि युद्धग्रस्त सीरिया की सरकार के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में लोग बुधवार को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में मतदान करने मतदान केंद्रों पर पहुंचे थे। दस वर्ष पहले देश में संघर्ष शुरू हुआ था तब से यह दूसरा राष्ट्रपति चुनाव है। हालांकि विपक्षी दलों और पश्चिमी देशों ने इस चुनाव को खारिज कर दिया है। पांच दशक से इस पद पर असद के परिवार के सदस्य ही काबिज रहे हैं।
राष्ट्रपति पद के लिए इस बार दो और उम्मीदवार मैदान में थे, जिनके नाम हैं अब्दुल्ला सालौम अब्दुल्ला और महमूद अहमद मैरी। सुबह सात बजे से हजारों की संख्या में लोग दश्मिक के मतदान केंद्रों पर वोट डालने पहुंचे। यहां की सड़कों पर असद के समर्थन में पोस्टर और बैनर हर ओर नजर आते हैं। बीच में अन्य उम्मीदवारों का एकाध पोस्टर भी दिख जाता है।
उत्तरपूर्वी सीरिया में मतदान नहीं होगा क्योंकि यहां पर अमेरिका समर्थित कुर्दिश लड़ाकों का नियंत्रण है और न ही उत्तर पश्चिमी इदलिब प्रांत में मतदान हो रहा है, जहां पर विद्रोहियों का कब्जा है। वहीं दक्षिणी प्रांत दारा और स्वीडा समेत सरकार के नियंत्रण वाले कई क्षेत्रों में लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया है।
बाइडन प्रशासन ने कहा है कि वह सीरिया में चुनाव के परिणाम को तब तक मान्यता नहीं देगा जब तक कि संयुक्त राष्ट्र और सीरियाई समाज के सभी प्रतिनिधियों की निगरानी में निष्पक्ष मतदान नहीं होता। विदेशों में रहने वाले सीरियाई लोगों ने पिछले हफ्ते मतदान किया था। यहां पर असद वर्ष 2000 से सत्ता में हैं। इससे पहले 30 वर्ष तक यहां उनके पिता हाफेज का शासन था।