मई बीतने को है, लेकिन देहरादून के करीब 95 फीसदी व्यापारियों ने अब तक जीएसटी नहीं भरा है। बीते एक माह से लगभग सभी दुकानें बंद पड़ी हैं। ऐसे में व्यापारियों के सामने मासिक रिटर्न का लेखा-जोखा पेश कर जीएसटी भरने का संकट खड़ा हो गया है। इससे व्यापारियों के लिए समक्ष पेनाल्टी देने की समस्या भी पैदा हो गई है। यदि जीएसटी जमा नहीं किया तो रोज 50 रुपये की पेनाल्टी देनी होगी। व्यापारी संगठनों के मुताबिक, देहरादून में करीब 26 हजार व्यापारी जीएसटी से रजिस्टर्ड हैं। इनमें 14 हजार व्यापारी ऐसे हैं, जो समाधान योजना टैक्स के तहत तीन माह में जीएसटी भरते हैं। फिलहाल, इन व्यापारियों को जीएसटी जमा करने की बाध्यता से राहत है। शेष 14 हजार कारोबारियों को हर माह आय-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत कर जीएसटी अदा करना है। जीएसटी भरने की अंतिम तिथि खत्म होने को है। साथ ही बीते एक माह से दुकानें बंद चल रही हैं। कारोबारियों के पास मई के आय-व्यय का लेखा-जोखा करीब-करीब शून्य है। अब व्यापारियों के समक्ष यह समस्या पैदा हो गई है कि आखिरकार वे किस हिसाब से जीएसटी जमा करें। वहीं, दून में करीब दस फीसदी व्यापारी ऑनलाइन कारोबार करते हैं। इनमें पांच फीसदी कारोबारियों ने जीएसटी जमा किया है।
अधिवक्ता की राय:
महीना बीतने को है, लेकिन अभी तक करीब 95 फीसदी व्यापारी जीएसटी जमा नहीं कर पाए हैं। जीएसटी समय से नहीं भरा गया तो व्यापारियों को 50 रुपये रोजाना पेनाल्टी भरनी होगी। दो माह तक जीएसटी जमा नहीं होने पर ऐसे कारोबारियों का लाइसेंस निरस्त करने का भी प्रावधान है।