महाराष्ट्र में कोरोना कहर और महाविकास अघाड़ी सरकार के भीतर ही सियासी उथल-पुथल के संकेतों के बीच बुधवार की देर शाम को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच मुलाकात हुई। महाराष्ट्र सरकार की ओर से प्रमोशन में आरक्षण पर रोक और नानर ऑइल रिफाइनरी के प्रोजेक्ट को ठप करने को लेकर शिवसेना और कांग्रेस के बीच सियासी तलवारें खिंची हैं। शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार कि इन दो फैसलों का कांग्रेस विरोध कर रही है।
महागठबंधन में सियासी हलचल के बीच बुधवार देर शाम एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की और राज्य में राजनीतिक स्थिति तथा कोविड-19 स्थिति से निपटने के महा विकास आघाड़ी सरकार के तरीके पर चर्चा की। बताया जा रहा है कि यह बैठक बुधवार देर शाम को मुंबई में मुख्यमंत्री के आधिकारिक निवास ‘वर्षा’ में हुई। पित्त की थैली की एक सर्जरी से पवार (80) के ठीक होने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करती है। एनसीपी सूत्रों ने बताया कि राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने एमवीए सरकार के कोविड-19 प्रबंधन पर चर्चा की। हालांकि, महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के बीच जिस तरह से तनातनी दिख रही है, उस संदर्भ में भी इस बैठक को देखा जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि पवार ने कोविड-19 महामारी से निपटने के सरकार के तरीके और संक्रमण की दूसरी लहर को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन जैसी लगाई गई पाबंदियों के क्रियान्वयन पर संतोष जताया। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में पाबंदियों में छूट और सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए एक जून तक राज्य में लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाई। शरद पवार की पिछले महीने मुंबई के एक निजी अस्पताल में पित्त की थैली की सर्जरी हुई थी। इससे पहले राकांपा अध्यक्ष को पित्त वाहिनी में पथरी हटाने के लिए 30 मार्च को आपात एन्डोस्कोपी करानी पड़ी थी।