देश को कुश्ती में बुलंदियों तक पहुंचाने वाला विश्व चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों में तीन बार का स्वर्ण पदक विजेता सुशील कुमार बुधवार को अपने जन्मदिन पर क्राइम ब्रांच के दफ्तर में फकक-फकक रो पड़ा। दरअसल, इस बार उसके जन्मदिन पर उसके साथ न तो परिवार का कोई सदस्य था और न ही कोई नाते-रिश्तेदार। सुबह से शुरू होने वाला शुभकामनाओं का वह पुराना दौर नहीं था। इस बार उसके पास महज कुछ मिनटों के लिए उसका भाई ही उपस्थित हो सका।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अपने जन्मदिन के अवसर पर क्राइम ब्रांच की हिरासत में सुशील की आंखें नम थीं। चेहरा उदास था और सुबह से ही वह परेशान लग रहा था। वह न तो कुछ ठीक से खा रहा था, न ही ठीक से बातें कर रहा था। उसका परेशान होना भी लाजिमी था। इसके पहले जहां उसके जन्मदिन पर घर-परिवार में जश्न का माहौल रहता था, वहीं इस बार वह अकेला था। वह भी पुलिस की हिरासत में एक कैदी की तरह। उसकी खामोशी उसकी मनोदशा को साफ बयां कर रही थी।
भाई से मुलाकात पर भावुक हुआ
जन्मदिन पर सुशील सागर हत्याकांड को लेकर पुलिस द्वारा किए जा रहे सवालों के बौछार से इस कदर सहम चुका था कि उससे मंगलवार की तुलना में बुधवार को अपेक्षाकृत कम ही सवाल-जवाब भी किए गए। अपने भाई को देख तो वह एकदम भावुक हो गया। उसे देखते हुए सिसकने लगा। लेकिन कुछ देर बाद संभला और उससे बातचीत की। पुलिस सुशील को रूटीन चेकअप के लिए ले गई और उसके कुछ संभावित ठिकानों का भी दौरा भी किया। वहीं बुधवार को पकड़े गए सुशील के करीबी साथी जो गैंगेस्टर नीरज बवाना के गुर्गें हैं, उन्हें लेकर भी उससे पूछताछ की गई।
पछता रहा आरोपी
सुशील कुमार पुलिस की पूछताछ में भी कई बार रो पड़ा। गिरफ्तारी के बाद सुशील को अब पछतावा हो रहा है। उसे अपने कैरियर की चिंता सता रही है। वह अपने किए पर शर्मिंदा है, लेकिन उसके पास अब कोई चारा नही है। ऐसे में जब भी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच उससे या उसके साथी अजय उर्फ सुनील बक्करवाला से पूछताछ करती है तो वह असहज हो जाता है और कई बार तो रोने लगता है।