गाजियाबाद नगर निगम एक जून से हाउस टैक्स में 15 फीसदी की बढ़ोतरी करने जा रहा है। महापौर ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके कार्यकाल से पहले ही बोर्ड की बैठक में हर साल पांच फीसदी गृहकर बढ़ाने का प्रस्ताव पास हुआ था। इस लिहाज से तीन साल का 15 फीसदी हाउस टैक्स बढ़ाया जाएगा, जबकि पक्ष और विपक्ष के पार्षद कोरोना काल में हाउस टैक्स नहीं बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
नगर निगम हर साल अप्रैल माह में हाउस टैक्स के बिल जारी करता है। इस बार कोरोना के मामले बढ़ने से बिल जारी नहीं किए जा सके। शहर के करीब चार लाख लोगों को अगले माह से हाउस टैक्स के बिल जारी होंगे। बिल में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। यानी की चार लाख करदाताओं पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। निगम के इस फैसले का पार्षद लगातार विरोध कर रहे हैं। पार्षदों के विरोध के बीच महापौर आशा शर्मा ने स्पष्ट कर दिया कि पूर्व प्रस्ताव और विकास कार्यों के हिसाब से हाउस टैक्स बढ़ाया जाना जरूरी है। तीन साल से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इस तरह 15 फीसदी हाउस टैक्स में बढ़ोतरी होगी।
फैसले के विरोध में उतरे पार्षद
नगर निगम के 15 फीसदी हाउस टैक्स बढ़ाने के फैसले का पार्षद विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस, भाजपा और बसपा पार्षदों का कहना है कि कोरोना काल में लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। बसपा पार्षद आंनद चौधरी का कहना है कि कोरोना काल में कई परिवार बर्बाद हो गए। लोगों के रोजगार बंद हैं। ऐसे में हाउस टैक्स बढ़ाने का फैसला ठीक नहीं है। निगम के फैसले का बोर्ड बैठक में विरोध किया जाएगा।
भाजपा पार्षद हिमांशु मित्तल का कहना है कि कोरोना काल में लोगों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। लोग आर्थिक रूप से परेशान हैं। गृहकर बढ़ाने का फैसला ठीक नहीं रहेगा। इस फैसले से लोगों में निगम के प्रति नाराजगी बढ़ेगी। कांग्रेस पार्षद जाकिर सैफी का कहना है कि 15 फीसदी टैक्स बढ़ोतरी का विरोध किया जाएगा। महामारी में भी टैक्स बढ़ाना गलत है। लोगों के उद्योग-धंधे बंद हैं और व्यापारी परेशान हैं। ऐसे में लोग और आर्थिक मार नहीं झेल पाएंगे। बोर्ड बैठक में चर्चा के बाद पार्षदों की सहमति थी कि टैक्स में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। बोर्ड बैठक में सभी पार्षदों ने टैक्स बढ़ोतरी का विरोध किया था। यह बोर्ड का अपमान होगा। टैक्स बढ़ोतरी का विरोध सड़क से लेकर सदन तक किया जाएगा।