देश में जारी कोरोना वायरस संकट के बीच अब सियासत भी जोर पकड़ने लगी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश में कोरोना वायरस रोधी टीकों की कमी के मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि उन्हें गलत बयानबाजी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब देश ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा था तब वे कह रहे थे कि देश में पर्याप्त ऑक्सीजन है और अब टीकों की कमी है तो कह रहे हैं कि वैक्सीन पर्याप्त हैं।
अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, ‘स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को गलत बयानबाजी से बचना चाहिए। जब देश ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहा था तब वे कह रहे थे कि देश में पर्याप्त ऑक्सीजन है। आज जब देश में टीकों की कमी है तो उनका कहना है कि देश में पर्याप्त एक करोड़ टीके हैं। लेकिन सभी राज्यों को मिलाकर देखें तो एक करोड़ टीके महज एक दिन में ही खत्म हो जाएंगे।’
उन्होंने कहा कि दो अप्रैल को देशभर में 42 लाख टीके लगाए गए लेकिन अब सिर्फ 16 लाख टीके ही प्रतिदिन लगाए जा रहे हैं। देश में अलग-अलग जगहों पर टीकाकरण केंद्र बंद किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री के ऐसे बयानों से आमजन में आक्रोश फैल रहा है। इसके साथ ही गहलोत ने नदियों के किनारे शवों को दफनाए जाने पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से कोई मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) तय करने का सुझाव दिया है।
मुख्यमंत्री ने गहलोत कहा, ‘जिस तरह गंगा, यमुना सहित पवित्र नदियों के किनारे लाशें दफनाई जा रही हैं और नदियों में बहायी जा रही हैं इसका संज्ञान लेकर केन्द्र सरकार को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत एसओपी जारी करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में इन शवों से संक्रमण फैलने पर महामारी के मामले और ज्यादा बढ़ने की आशंका है।
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